दिल्ली: मुख्यमंत्री केजरीवाल ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा योजना की शुरू
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दिल्ली: मुख्यमंत्री केजरीवाल ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा योजना की शुरू

इस योजना के तहत शहर के रहने वाले 60 साल से अधिक उम्र के महिला या पुरूष अपने जीवनसाथी के साथ मुफ्त तीर्थयात्रा का लाभ उठा सकेंगे. 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अपने बुजुर्गों का सम्मान और देखभाल नहीं करने वाला देश कभी उन्नति नहीं कर सकता है.  (फोटो साभार- @AamAadmiParty)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बुधवार को ‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना’ शुरू की जिसका प्रदेश के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक के 1100 वरिष्ठ नागरिक लाभ उठा सकेंगे.  इस योजना के तहत शहर के रहने वाले 60 साल से अधिक उम्र के महिला या पुरूष अपने जीवनसाथी के साथ मुफ्त तीर्थयात्रा का लाभ उठा सकेंगे.

यदि आवेदक या उसके जीवनसाथी की उम्र 70 साल से अधिक है तो वह 20 से अधिक की उम्र के एक सहायक को साथ ले जा सकेंगे.  दिल्ली सरकार द्वारा सहायक के ऊपर होने वाला खर्च भी वहन किया जायेगा. 

अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों की उपस्थिति में योजना की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने बुजुर्गों का सम्मान और देखभाल नहीं करने वाला देश कभी उन्नति नहीं कर सकता है. 

उन्होंने कहा, ‘इस योजना को आरंभ करने का उद्देश्य बुजुर्ग व्यक्ति की तीर्थ यात्रा की इच्छा को पूरा करना है. मैं सभी बच्चों और विधायकों से अनुरोध करता हूं कि अपने बुजुर्गों को इसमें पंजीकृत करायें और सेवा का लाभ उठायें.’ केजरीवाल ने कहा,‘तीर्थयात्रा की इच्छा रखने वाले लोगों के पास मतदान पहचान पत्र, चिकित्सा प्रमाणपत्र और क्षेत्र के विधायक की अनुशंसा होनी चाहिए.’

तीर्थ यात्रियों का चयन ड्रा के माध्यम से किया जाएगा
आवेदन ऑनलाइन किया जा सकेगा और तीर्थ यात्रियों का चयन ड्रा के माध्यम से किया जायेगा. संबंधित क्षेत्र के विधायक प्रमाणित करेंगे कि लाभार्थी दिल्ली के रहने वाले हैं या नहीं. 

तीर्थयात्रा तीन दिन और दो रात की होगी जिसमें दिल्ली-मथुरा-वृंदावन-आगरा-फतेहपुर सीकरी-दिल्ली, दिल्ली-हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ-दिल्ली, दिल्ली-अजमेर-पुष्कर-दिल्ली, दिल्ली-अमृतसर-वाघा बार्डर-आनंदपुर साहिब-दिल्ली और दिल्ली-वैष्णोदेवी-जम्मू-दिल्ली के सर्किट को शामिल किया गया है. 

इस योजना को जुलाई में आप सरकार ने मंजूरी दी थी.  इसके लिए आय का कोई आधार नहीं है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. 

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