मैक्स हॉस्पिटल द्वारा ‘मृत’ घोषित बच्चे ने दम तोड़ा, पिता ने शव लेने से किया इनकार
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मैक्स हॉस्पिटल द्वारा ‘मृत’ घोषित बच्चे ने दम तोड़ा, पिता ने शव लेने से किया इनकार

बच्चे के पिता आशीष कुमार ने लापरवाही के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए बच्चे का शव लेने से इनकार कर दिया. 

 मैक्स हेल्थकेयर ने चार दिसंबर को कहा था कि उसने मामले में कथित रूप से शामिल दोनों डॉक्टरों की सेवाएं बर्खास्त करने का फैसला किया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: मैक्स अस्पताल में समय से पूर्व जन्मे जिस बच्चे को पिछले हफ्ते मृत घोषित कर दिया गया था उसने इलाज के दौरान बुधवार को दम तोड़ दिया. बच्चे के पिता आशीष कुमार ने लापरवाही के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए बच्चे का शव लेने से इनकार कर दिया. कुमार ने बताया, “मैं अपने बेटे का शव तब तक नहीं लूंगा, जब तक दोनों डॉक्टरों को गिरफ्तार नहीं किया जाता.” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, उनकी पत्नी भी उस अस्पताल में भर्ती रहेंगी. बच्चे के चाचा ने कहा कि वह मैक्स अस्पताल के बाहर प्रदर्शन जारी रखेंगे.

  1. एक सप्ताह तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद बुधवार को इस बच्चे ने एक नर्सिंग होम में दम तोड़ दिया
  2. बच्चे के पिता ने की लापरवाही के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों की गिरफ्तारी की मांग 
  3. बच्चे के चाचा ने कहा कि वह मैक्स अस्पताल के बाहर प्रदर्शन जारी रखेंगे

एक सप्ताह तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद बुधवार को इस बच्चे ने पीतमपुरा के एक नर्सिंग होम में दम तोड़ दिया. उल्लेखनीय है कि गत 30 नवंबर को आशीष कुमार की पत्नी ने शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल में जुड़वां बच्चों (एक लड़का और एक लड़की) को जन्म दिया था जो समय से पूर्व पैदा हुए थे.  अभिभावकों ने बताया कि उन्हें अस्पताल ने सूचित किया कि दोनों बच्चे मृत पैदा हुए थे. अस्पताल ने इन नवजातों को एक पॉलीथिन बैग में डालकर उन्हें सौंप दिया था. पुलिस ने बताया कि अंतिम संस्कार से कुछ देर पहले परिवार को पता चला कि एक बच्चे की सांसें चल रही हैं.  परिवार बच्चे को लेकर पीतमपुरा के नजदीकी नर्सिंग होम गया.

यह भी पढ़ें : जीवित बच्चे को मृत घोषित करने के मामले की समिति ने अस्पताल को दोषी ठहराया

मैक्स हेल्थ केयर के प्राधिकारियों ने एक बयान में बताया ‘‘हमें समय से पहले, 23 सप्ताह में ही जन्म लेने वाले बच्चे के निधन की दुख:द खबर मिली. वह जीवन रक्षक प्रणाली पर था.’’ बयान में कहा गया है ‘‘हमारी संवेदनाएं अभिभावकों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हैं. हम समझते हैं कि समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों के जीवित बचने की संभावना कम होती है लेकिन यह अभिभावकों और परिवार वालों के लिए हमेशा ही पीड़ादायी होता है. हम प्रार्थना करते हैं कि उन्हें यह दुख सहने की शक्ति मिले.’’पुलिस उपायुक्त (उत्तरपश्चिम) असलम खान ने भी खबर की पुष्टि की.

दिल्ली सरकार द्वारा इस मामले की जांच के लिए गठित पैनल ने बुधवार को मैक्स अस्पताल को नवजात शिशुओं से संबंधित निर्धारित चिकित्सकीय मानकों का पालन न करने का दोषी पाया था. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दो दिसंबर को कहा था कि अगर जांच में अस्पताल को चिकित्सकीय लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया तो उसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है. मैक्स हेल्थकेयर ने चार दिसंबर को कहा था कि उसने मामले में कथित रूप से शामिल दोनों डॉक्टरों की सेवाएं बर्खास्त करने का फैसला किया है.

मैक्स अस्पताल से संबंधित जुड़वां बच्चा मामला अपराध शाखा को सौंपा गया
मैक्स अस्पताल में समय पूर्व जन्मे बच्चे को मृत घोषित करने का मामला विस्तृत जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने बुधवार को अपनी अपराध शाखा को सौंप दिया। गत 30 नवंबर को मैक्स अस्पताल में पैदा हुए लड़के की बुधवार को पीतमपुरा के एक नर्सिंग होम में मौत हो गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामले में चिकित्सा पहलुओं को लेकर विस्तृत जांच की आवश्यकता है। इसलिए मामला अपराध शाखा को सौंप दिया गया है।

(इनपुट - भाषा)

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