मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज ने पुलिस हिरासत में मांगी विजय माल्या जैसी सुविधाएं
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मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज ने पुलिस हिरासत में मांगी विजय माल्या जैसी सुविधाएं

पुणे पुलिस की टीम सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद से गिरफ्तार कर शनिवार को लेकर लाई थी. सुधा को पुणे की  डिस्ट्रिक्ट और सेशंस कोर्ट में पेश किया गया था. सुधा भारद्वाज की जमानत अर्जी और हाउस अरेस्ट की मियाद बढ़ाने से पुणे  कोर्ट ने शुक्रवार को मना कर दिया था.

मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज ने पुलिस हिरासत में मांगी विजय माल्या जैसी सुविधाएं

नई दिल्ली : माओवादियों से कथित तौर पर संबंध होने के मामले में नजरबंद मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को पुणे पुलिस ने शुक्रवार की देर रात सूरजकुंड स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया. इससे पहले पुणे की एक अदालत ने सुधा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद पुणे पुलिस की टीम ने उन्हें यहां गिरफ्तार किया. पुणे पुलिस सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार कर सूरजकुंड थाने ले गई. पुणे पुलिस की टीम सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद से गिरफ्तार कर शनिवार को लेकर लाई थी. सुधा को पुणे की  डिस्ट्रिक्ट और सेशंस कोर्ट में पेश किया गया था. सुधा भारद्वाज की जमानत अर्जी और हाउस अरेस्ट की मियाद बढ़ाने से पुणे  कोर्ट ने शुक्रवार को मना कर दिया था.

पुलिस कस्टडी दिए जाने के बाद सुधा भारद्वाज की तरफ से अर्जी दी गई कि उन्हें विजय माल्या जैसी वीआईपी सुविधाएं दी जाएं. इनमें सोने के लिए बिस्तर, बैठने के लिए कुर्सी और साफ सुथरे बाथरूम की मांग की गई है.

सूरजकुंड थाने के एसएचओ विशाल कुमार ने बताया कि पुणे पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी के बारे में उन्हें सूचना दे दी थी. उल्लेखनीय है कि सुधा भारद्वाज भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में आरोपी हैं. बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से पहले ही सुधा भारद्वाज के घर के बाहर तैनात फरीदाबाद पुलिस के जवानों को हटा लिया गया था. गौरतलब है कि एक जनवरी 2018 को पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर एक समारोह आयोजित किया गया था, जहां हिंसा होने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

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