बीकानेर भूमि घोटाला: फरीदाबाद में रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगी के परिसरों पर ED का छापा
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बीकानेर भूमि घोटाला: फरीदाबाद में रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगी के परिसरों पर ED का छापा

पिछले साल दिसंबर में एजेंसी ने नागर के करीबी सहयोगी अशोक कुमार और एक अन्य जयप्रकाश भार्गव को गिरफ्तार किया था.

ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से तौर पर जुड़े एक व्यक्ति के फरीदाबाद स्थित परिसरों पर छापेमारी की. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: बीकानेर में एक भूमि घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले की अपनी जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रॉबर्ट वाड्रा से कथित तौर पर जुड़े एक व्यक्ति के फरीदाबाद स्थित परिसरों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि ईडी के अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी से सटे फरीदाबाद निवासी महेश नागर के परिसरों पर छापेमारी की. नागर एमएस स्काइलाइट हॉस्पिटालिटी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. इस कंपनी के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा से कथित ताल्लुकात हैं. पिछले साल दिसंबर में एजेंसी ने नागर के करीबी सहयोगी अशोक कुमार और एक अन्य जयप्रकाश भार्गव को गिरफ्तार किया था. ईडी राजस्थान में बीकानेर के सीमावर्ती इलाके के कोलायत इलाके में जमीन की खरीद में कथित घोटाले की जांच कर रहा है.

  1. फरीदाबाद निवासी महेश नागर के परिसरों पर छापेमारी की.
  2. नागर एमएस स्काइलाइट हॉस्पिटालिटी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. 
  3. इस कंपनी के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा से कथित ताल्लुकात हैं.

राजस्थान में भूमि घोटाला मामले में 2 गिरफ्तार
इससे पहले बीते साल 22 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने कथित राजस्थान भूमि घोटाले से जुड़े दो 'मुख्य जालसाजों' को गिरफ्तार किया था. इस घोटाले में एक आतिथ्य कंपनी भी शामिल है, जिसके निदेशकों में रॉबर्ट वाड्रा का नाम भी शामिल है. जयप्रकाश भार्गव और अशोक कुमार को गुरुवार (21 दिसंबर) को गिरफ्तार किया था. ईडी अधिकारियों ने कहा था कि अशोक कुमार स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के महेश नागर के सहायक के करीबी हैं. दिल्ली स्थित आतिथ्य कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि वाड्रा 2007 से उसके निदेशकों में से एक रहे हैं.

एजेंसी ने एक बयान में कहा, "कुमार को महेश नागर के लिए इस्तेमाल किया गया था." बयान में दावा किया गया कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 69.55 हेक्टेयर जमीन को 72 लाख रुपये में खरीदा था और फिर एलेगेंनी फिनलीज नामक कंपनी को 5.15 करोड़ रुपये में बेचकर 4.43 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था.

जांच के दौरान यह पाया गया कि एलेगेंनी फिनलीज एक कंपनी के रूप में किसी भी वास्तविक व्यापार गतिविधियों में शामिल नहीं है और इसके कई शेयर धारक फर्जी निकले थे. इससे पहले ईडी ने इस मामले के संबंध में सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों की 1.18 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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