चुनावी दंगल में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुख्‍य मुकाबला; फैसले के लिए तैयार दिल्‍ली, कल होगा मतदान
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चुनावी दंगल में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुख्‍य मुकाबला; फैसले के लिए तैयार दिल्‍ली, कल होगा मतदान

दिल्‍ली में विधानसभा चुनावों में अब महज एक दिन बचे हैं। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी इस चुनाव में अपनी-अपनी अपनी जीत को लेकर पूरी आशान्वित है तो कांग्रेस को भी बेहतर करने की आशा है। लेकिन बीते दिनों आए चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में आम आदमी पार्टी को बढ़त दिखा गया। हालांकि कुछ सर्वे में बीजेपी को पहले स्‍थान पर दर्शाया गया। वहीं, कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहने की बात कही गई। बहरहाल, नतीजा जो भी हो लेकिन मुख्‍य मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही है।

चुनावी दंगल में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुख्‍य मुकाबला; फैसले के लिए तैयार दिल्‍ली, कल होगा मतदान

नई दिल्‍ली : दिल्‍ली में विधानसभा चुनावों में अब महज एक दिन बचे हैं। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी इस चुनाव में अपनी-अपनी अपनी जीत को लेकर पूरी आशान्वित है तो कांग्रेस को भी बेहतर करने की आशा है। लेकिन बीते दिनों आए चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में आम आदमी पार्टी को बढ़त दिखा गया। हालांकि कुछ सर्वे में बीजेपी को पहले स्‍थान पर दर्शाया गया। वहीं, कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहने की बात कही गई। बहरहाल, नतीजा जो भी हो लेकिन मुख्‍य मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही है।

7 फरवरी को दिल्ली में 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान होगा और चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी।
दिल्ली में 1.3 करोड़ मतदाता शनिवार को 673 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में दर्ज करेंगे। मतदान शनिवार सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। चुनाव परिणाम की घोषणा 10 फरवरी को होगी। इस चुनावी फैसले के लिए दिल्‍ली पूरी तरह तैयार नजर आ रही है। चुनाव में तीन मुख्य पार्टियां आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस मैदान में हैं, लेकिन चुनाव पूर्व सर्वे के मुताबिक मुख्य मुकाबला आप और बीजेपी में है।

दिसंबर, 2013 तक पंद्रह साल दिल्ली पर शासन करने वाली कांग्रेस को चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में आप और भाजपा के बाद तीसरे स्थान पर दिखाया गया है। कुछ ओपिनियन पोलों में आप को स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार हैं जबकि कुछ ने भाजपा की जीत का अनुमान लगाया है।

काफी गहमागहमी और तीखी नोक-झोंक से भरा दिल्ली विधानसभा का चुनाव प्रचार गुरुवार को थम गया। कई लोग इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जनमत संग्रह मानते हैं जबकि शीर्ष भाजपा नेताओं ने ऐसे किसी भी दृष्टिकोण को खारिज कर दिया है। काफी गहमागहमी भरे चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने सात फरवरी को होने वाले इस चुनाव में तेजी से उभरी आम आदमी पार्टी (आप) को शिकस्त देने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि का भरपूर इस्तेमाल किया। नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के रोडशो और सुलतानपुर माजरा में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के रोडशो के साथ ही यहां अमित शाह समेत विभिन्न दलों के नेताओं की करीब 100 रैलियों का सिलसिला शाम छह बजे थम गया। इस चुनाव प्रचार में राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर बड़े तीखे आरोप-प्रत्यारोप लगाए। प्रचार के समापन के बाद अब बड़े दलों के कार्यकर्ता 70 विधानसभा सीटों में घर घर जाकर समर्थन जुटाने में लग गए हैं।

पिछले 16 साल से दिल्ली में सत्ता से बाहर रही भाजपा ने टीम अन्ना की पूर्व सदस्य किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बनाकर एक दांव चला। वैसे बताया जाता है कि इससे पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं में असंतोष पैदा हो गया। भाजपा की रणनीति का केजरीवाल की अगुवाई वाली आप ने मुकाबला किया और उसने मोदी लहर को रोकने के अपने प्रयास के लिए जमकर संगठित अभियान चलाया। मोदी की अगुवाई में भाजपा ने मई बाद महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव जीते और वह जम्मू कश्मीर में सर्वाधिक मत प्रतिशत के बाद दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री एम वैंकेया नायडू एवं अरुण जेटली जैसे भाजपा नेताओं ने एहतियात बरतते हुए पहले ही कह दिया है कि दिल्ली चुनाव मोदी सरकार के कामकाज पर जनमत संग्रह नहीं है। इस बयान को आलोचक प्रधानमंत्री को आलोचना से बचाने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं।

अपने अंदरूनी एवं मीडिया सर्वेक्षणों में अपने लिए अच्छी तस्वीर सामने नहीं आने पर भाजपा ने चुनाव प्रचार में अपने 120 सांसदों एवं राज्यों के नेताओं के साथ साथ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरूण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, उमा भारती और एम वेंकैया नायडू समेत अपने शीर्ष नेताओं को उतार दिया। वर्ष 2013 के चुनाव से त्रिशंकु विधानसभा बनी थी जहां भाजपा ने सर्वाधिक 31, आप ने 28 और कांग्रेस ने आठ सीटें जीती थीं। अन्य के खाते में तीन सीटें गयी। आप-कांग्रेस गठजोड़ महज कुछ समय चला क्योंकि केजरीवाल ने 49 दिनों में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। विधानसभा के इस चुनाव मैदान में कुल 673 प्रत्याशी हैं। बुराड़ी विधानसभा सीट पर सर्वाधिक 18 उम्मीदवार हैं जबकि अंबेडकर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम चार प्रत्याशी हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सात फरवरी को होने वाले मतदान में 673 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 1.33 करोड़ से अधिक मतदाताओं के हाथ में होगा। चुनाव आयोग ने शनिवार को सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं। चुनाव आयोग के अनुसार 12,177 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा जिनमें से 714 को संवेदनशील माना गया है। इनमें से 191 अत्यंत संवेदनशील हैं। मतदान शांति से संपन्न कराने के लिए चुनाव ड्यूटी पर करीब 95000 सरकारी अधिकारियों को तैनात किया गया है। सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किये जाएंगे। दिल्ली की मटिया महल सीट में सर्वाधिक मतदाता हैं जिनकी संख्या 3,47,245 है वहीं सबसे कम मतदाता चांदनी चौक में हैं जिनकी संख्या 1,13,777 है।

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