बुराड़ी के जिस मकान में 11 लोगों ने की थी आत्महत्या, अब उस मकान को मिल गया किराएदार
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बुराड़ी के जिस मकान में 11 लोगों ने की थी आत्महत्या, अब उस मकान को मिल गया किराएदार

मकान में हवन करने आए पंडित जी ने बताया कि यहां कोई खास पूजा नहीं की गई है. जिस तरह हम अपने घर में उद्घाटन कराते हैं, उसमें हवन कराते हैं उसी तरह यहां भी पूजा की गई है. 

बुराड़ी के जिस मकान में 11 लोगों ने की थी आत्महत्या, अब उस मकान को मिल गया किराएदार

नई दिल्ली: डेढ़ साल पहले (1 जुलाई 2018) को दिल्ली के बुराड़ी इलाके के जिस घर में एक साथ 11 लोगों ने आत्महत्या की थी. उसे आखिरकार किराएदार मिल गया है. बुराड़ी के इस घर में पैथेलॉजी लैब खुलने जा रहा है. इसका गृह प्रवेश भी हो चुका है. इसके लिए डॉयग्नोस्टिक सेंटर के बाहर सजावट की गई और साथ ही हवन कराया गया. 

मकान के ग्राउंड फ्लोर को मोहन सिंह कश्यप ने किराए पर लिया है. जिसमें डॉयग्नोस्टिक सेंटर खोला गया है. मोहन पिछले 15 साल से ये डॉयग्नोस्टिक सेंटर चला रहे हैं. इस से पहले ये सेंटर इसी गली में दूसरी दुकान पर था.लेकिन उस दुकान के मलिक ने जब किराया बढ़ाने को कहा तो इन्हे दूसरी जगह ढूंढनी पड़ी. मोहन सिंह का कहना है कि वो अंधविश्वास को नहीं मानते, वो इस गली मे 15 साल से रह रहे हैं और पिछले डेढ़ साल में भी इस मकान में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे घबराने की कोई बात हो. हालांकि उन्होंने मकान किराए पर लेने से पहले अपनी पत्नी और परिवार से सलाह ली थी. यहां तक की उनके कस्टमर को भी इससे कोई परेशानी नहीं थी.

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बुराडी के इस मकान में डेढ़ साल से खौफ का मंजर बना हुआ था. ऐसे में मकान के ग्राउंड फ्लोर पर खुले इस डॉयग्नोस्टिक सेंटर ने आस-पास के लोगों को हैरत में डाल दिया. पड़ोस में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि इस घर में तो क्या आस-पास के घरों को भी कोई किराए पर लेने को तैयार नहीं था, इस व्यक्ति ने बहुत हिम्मत दिखाई है. 

मकान में हवन करने आए पंडित जी ने बताया कि यहां कोई खास पूजा नहीं की गई है. जिस तरह हम अपने घर में उद्घाटन कराते हैं, उसमें हवन कराते हैं उसी तरह यहां भी पूजा की गई है. 

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खौफ और अंधविश्वास के चलते जहां इस गली से गुजरने से भी लोग डरते थे. इस मकान के आस पास भी जहां कोई किराए पर घर लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था. उस घर के बाहर आज बच्चे खेल रहे हैं. जिस घर में एक साथ 11 जानें गईं आज डेढ़ साल बाद उस घर में एक बार फिर जान आ गई है.  

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