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नयी दिल्ली: केंद्र पर ताजा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज आरोप लगाया कि मोदी सरकार दिल्ली सरकार के कामकाज में अड़चनें डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वह मोदी सरकार और अपने मंत्रियों के बीच दीवार बनकर डटे हैं।
केजरीवाल ने बाहरी दिल्ली में मधुबन चौक से मुकरबा चौक तक 23 किलोमीटर लंबे विकासपुरी-वजीराबाद सिग्नल फ्री एलिवेटेड कॉरीडोर के तीसरे चरण के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा, केन्द्र ने अड़चनें डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हमारी ऐसी की तैसी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि वह दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच दीवार की तरह खड़े हैं।
उन्होंने कहा, मैंने अपने पास कोई विभाग नहीं रखा। मैं अपने मंत्रियों और केंद्र सरकार के बीच दीवार की तरह खड़ा हूं। और मैं केंद्र को कभी अपने मंत्रियों को परेशान करने नहीं दूंगा। मैं अकेला सब संभाल लूंगा। आम आदमी पार्टी (आप) की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार और केंद्र पहले भी कई मुद्दों पर तीखी राजनीतिक नोंकझोंक में उलझते रहे हैं। केजरीवाल ने कहा, मुझे बुरा लगता है...और यदि केंद्र ने सकारात्मक रवैया दिखाया होता और हमारा समर्थन किया होता, तो हमने अब तक जितना काम किया है, उससे 10 गुना ज्यादा काम किया होता। उन्होंने कहा, तो अब मुझे उम्मीद है कि केंद्र अपनी आंखें खोलकर हकीकत देखेगा।
करीब 3.8 किलोमीटर लंबी सड़क 30 महीने में महज 300 करोड़ रूपए की लागत से बनाई गई है जबकि इसके लिए 421.79 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई थी । विकासपुरी-वजीराबाद कॉरीडोर परियोजना शीला दीक्षित सरकार की पहल थी। ‘AAP’ नेता ने कहा, इस परियोजना को कम समय में पूरा करने और निर्माण की लागत में करीब 120 करोड़ रूपए की बचत करने के लिए हमारे लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों और अधिकारियों की तारीफ की जानी चाहिए। एक पूर्व विधायक की अगुवाई में कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने फ्लाईओवर के पास प्रदर्शन किया, काले झंडे लहराए और केजरीवाल के विरोध में नारेबाजी की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वह शीला दीक्षित सरकार की ओर से किए गए कामों का श्रेय ले रहे हैं।
बादली से कांग्रेस के पूर्व विधायक देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया, केजरीवाल का दावा है कि तीन चरणों वाली इस परियोजना में करीब 350 करोड़ रूपए बचाए गए हैं। हम पूछना चाहते हैं कि यह कैसे हुआ। मुख्यमंत्री का दावा है कि अनूठी तकनीकों का इस्तेमाल कर यह राशि बचाई जा सकी है, लेकिन सूचना का अधिकार के तहत जब मैंने इस बारे में सूचना मांगी तो मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं मुहैया कराई गई।