दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े 'बंटी-बबली', नौकरी देने के नाम करते थे धोखाधड़ी
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दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े 'बंटी-बबली', नौकरी देने के नाम करते थे धोखाधड़ी

 Naukari.com की तर्ज पर Firstnaukari.com के नाम से एक वेबसाइट बनाई.. नौकरी की तलाश में भटकते युवाओं से रजिस्ट्रेशन फीस और processing फीस के नाम पर 4650 रुपए से लेकर 5450 रुपए तक ऐंठते थे.

आरोपी मोबाइल फोन और अलग अलग IP address का इस्तेमाल करके जालसाजी करते थे

नई दिल्लीः अगर आप बेरोजगार है नौकरी की तलाश कर रहे है तो जरा सावधान हो जाए. कई ऐसे ठग के जो आपके मजबूरी का फायदा उठा कर आप के जब से पैसे ऐंठ ले. जी है दिल्ली पुलिस ने एक ऐसी जोड़ी को गिरफ्तार किया है जो naukari.com के नाम पर बेरोजगार युवाओं नौकरी का झांसा देकर लूटते थे. बड़ी बड़ी कम्पनियों में नौकरी दिलाने का दावा करते थे. इस जोड़ी का नाम है चेतन सोनी और नैना सिंघल. 27 साल का चेतन सोनी जिसने double MBA किया है, और उसकी दोस्त नैना सिंघल जिसने कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में B.Tech किया है. इन्हें देखकर शायद ही किसी को ये यकीन हो कि पढ़े लिखे ये युवा अपनी क्वालिफिकेशन का इस्तेमाल दूसरे युवाओं को ठगने के लिए करते हैं.

  1. हाई-टेक बंटी बबली की जोड़ी को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार  
  2. नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं को लगाया चूना
  3. फ़ास्ट नौकरी डॉट कॉम के नाम से चला रहे थे फ़र्ज़ी वेबसाइट

दरअसल, दिल्ली पुलिस को Naukari.com की फ्लैगशिप कम्पनी info age india की ओर से ये शिकायत मिली थी कि कुछ लोग उनकी कंपनी के नाम पर लोगो के साथ फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. दिल्ली के कालका जी थाने में FIR दर्ज की गई और साउथ ईस्ट ज़िले की साइबर सेल टीम ने मामले की जांच शुरू की. आरोपी मोबाइल फोन और अलग अलग IP address का इस्तेमाल करके जालसाजी करते थे. साइबर टीम ने टेक्निकल सर्विलांस के ज़रिए गाज़ियाबाद के वसुंधरा में उनकी लोकेशन ट्रेस की. इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम ने लोकेशन पर डोर टू डोर जाकर इनकी तलाश शुरु की. और गाज़ियाबाद के वसुंधरा के एक फ्लैट से दोनों को गिरफ्तार किया.

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शुरुआती पूछताछ में नैना और चेतन ने पुलिस को गुमराह करने की भी कोशिश की.हालांकि सख्ती से पूछताछ पर उन्होंने बताया कि दोनों की मुलाकात 2016 में हुई थी.दोनों एक कॉल सेंटर में साथ काम करते थे वहीं से उन्हें ये आइडिया आया कि जो लोग नौकरी के लिए कॉल करते हैं उनसे रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर पैसे ठगे जा सकते हैं.इसके बाद दोनों ने मिलकर 'मेसर्स स्ट्रोक ग्रुप' नाम से एक कम्पनी खोली और खुद को recruiter की तरह दिखाया. लोगों को विश्वास दिलाने के लिए इन्होंने Naukari.com की तर्ज पर Firstnaukari.com के नाम से एक वेबसाइट बनाई. ये दोनों फ़र्ज़ी email और letters भी देते थे.

नौकरी की तलाश में भटकते युवाओं से रजिस्ट्रेशन फीस और processing फीस के नाम पर  4650 रुपए से लेकर 5450 रुपए तक ऐंठते थे. पैसे अपने बैंक एकाउंट में ट्रांसफर करवाते थे. ये बैंक एकाउंट भी फर्ज़ी ID और फ़र्ज़ी नाम पर खोले गए थे. पुलिस ने इनके पास से 6 लाख रुपए, लैपटॉप, wifi राउटर, internet dongle, मोबाइल फोन, 26 प्लास्टिक बैंकिग कार्ड्स, चेक बुक, पास बुक और फेक ड्राइविंग लाइसेंस और PAN कार्ड बरामद किए हैं. पुलिस फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि इस तरह झांसा देकर इन्होंने कितने लोगों अपना शिकार बनाया है.

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