बढ़ते प्रदूषण के चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तेल कंपनियों को भेजा नोटिस, 24 घंटे में मांगा जवाब
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बढ़ते प्रदूषण के चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तेल कंपनियों को भेजा नोटिस, 24 घंटे में मांगा जवाब

सीपीसीबी ने इन तेल कंपनियों को नोटिस जारी कर 24 घंटों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. प्रदूषण से निपटने के उपाय के क्रियान्वयन की जांच के लिए सीपीसीबी ने दिल्ली-एनसीआर में टीमों को तैनात किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सोमवार को विभिन्न तेल कंपनियों से अपने पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण-रोधी उपकरण नहीं लगाने पर स्पष्टीकरण मांगा. वाष्प अवशोषण उपकरण पेट्रोल या डीजल भरने के दौरान वाहन के ईंधन टैंक के अंदर से निकलने वाली वाष्प को अवशोषित (सोखने) करने वाला उपकरण होता है.

सीपीसीबी ने इन तेल कंपनियों को नोटिस जारी कर 24 घंटों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. प्रदूषण से निपटने के उपाय के क्रियान्वयन की जांच के लिए सीपीसीबी ने दिल्ली-एनसीआर में टीमों को तैनात किया है.

उल्‍लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के हालात काफी खराब हो गए हैं. सोमवार सुबह को भी हल्की धुंध के कारण दृश्यता में कमी आई है. क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब बनी हुई है. वायु गुणवत्ता और मौसम पूवार्नुमान और शोध (सफर) के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सोमवार को भी वायु प्रदूषण की स्थिति खराब बनी हुई है.

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उधर, केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड ने देशभर में खासतौर पर राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गिरती गुणवत्ता के मद्देनजर निर्माण गतिविधियों के कारण होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं. कंपनी ने किसी भी इमारत के निर्माण कार्य को शुरू करने से पहले पर्यावरण प्रबंधन योजना का अनुमोदन अनिवार्य कर दिया.

एनबीसीसी ने साइट की गतिविधियों और धूल प्रदूषण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं जैसे मिट्टी, कंकड़, सीमेंट एवं अन्य निर्माण सामग्री को लाने-ले जाने के लिए बंद वाहनों पर तिरपाल की शीट से ढकना, सीमेंट, फ्लाई ऐश का परिवहन और संग्रहण बंद सिलोस में किया जाना, निर्माण सामग्री को काटने और पीसने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, कार्यस्थल पर काम पूरा होने के बाद मलबा तुरंत हटाना, धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव.

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