फरीदाबाद डीसीपी विक्रम कपूर सुसाइड केस में नई SIT का गठन, हनी ट्रैप के एंगल से होगी जांच
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फरीदाबाद डीसीपी विक्रम कपूर सुसाइड केस में नई SIT का गठन, हनी ट्रैप के एंगल से होगी जांच

डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या प्रकरण में एसआईटी की जांच से असंतुष्ट हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने किया अब नई एसआइटी का गठन किया है.

पुलिस इंस्पेक्टर की कोई महिला मित्र डीसीपी को ब्लैकमेल कर रही थी लेकिन एसआईटी की टीम उस तक पहुंच नहीं सकी थी.
पुलिस इंस्पेक्टर की कोई महिला मित्र डीसीपी को ब्लैकमेल कर रही थी लेकिन एसआईटी की टीम उस तक पहुंच नहीं सकी थी.

फरीदाबाद: डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या प्रकरण में एसआईटी की जांच से असंतुष्ट हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने किया अब नई एसआइटी का गठन किया है. नई एसआईटी के मुखिया फरीदाबाद में पुलिस कमिश्नर रहे अमिताभ ढिल्लो और उनके साथ रहेंगे फरीदाबाद के पूर्व एसीपी क्राइम व वर्तमान में पानीपत के डीएसपी राजेश फोगाट होंगे. नई टीम हनी ट्रैप के एंगल से केस की जांच करेगी. 

पुलिस इंस्पेक्टर की कोई महिला मित्र डीसीपी को ब्लैकमेल कर रही थी लेकिन एसआईटी की टीम उस तक पहुंच नहीं सकी थी. और भी बहुत सारे सवाल हैं जिसको देखते हुए हरियाणा के डीजीपी ने नई एसआईटी का गठन किया है. 

इधर, कपूर के आत्महत्या प्रकरण में कई राज सामने आए हैं. मामले की जांच के दौरान पता चला कि आरोपी निलंबित इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद अपने भांजे को केस से निकलवाने के लिए डीसीपी पर लगातार दबाव बना रहा था. साथ ही महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई दरखास्त पर महिला के पति के हक में कार्यवाही कराने हेतु भी दबाव बना रहा था.

 

गिरफ्तार एसएचओ अपनी महिला मित्र के नाम पर डीसीपी को झूठे केस में फंसाने और अंजाम भुगतने की लगातार धमकी दे रहा था. साथ ही ऐसा ना करने पर पत्रकार दोस्त सतीश के साथ मिलकर फरीदाबाद शहर में बदनाम करने की धमकी दे रहा था.

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बता दें कि 14 अगस्त बुधवार सुबह करीब 6:00 बजे अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. कपूर फरीदाबाद में बतौर डीसीपी तैनात थे. 1983 में कपूर बतौर एएसआई तैनात हुए और विक्रम कपूर को 2020 अक्टूबर में रिटायर होना था. 2017 में कपूर बतौर आईपीएस पदोन्नत हुए थे. कपूर यहां पुलिस लाइन में अपने 1 बेटे और पत्नी के साथ रहते थे और दूसरा बेटा पंचकूला में रहता था. उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें फरीदाबाद के ही एक थाने में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद पर उसे लगातार टॉर्चर करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था.

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