एयर होस्टेस मर्डर केस : दहेज हत्या के आरोप में पति को किया गया गिरफ्तार
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एयर होस्टेस मर्डर केस : दहेज हत्या के आरोप में पति को किया गया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने एयरहोस्टेस की संदिग्ध मौत के मामले में उसके पति मयंक सिंघवी को एक घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

दहेज हत्या का मामला भी गैर जमानती और संज्ञेय अपराध है (फोटो-facebook.com/anissia.batra)

दिल्ली/प्रमोद शर्मा:  दिल्ली पुलिस ने एयरहोस्टेस की संदिग्ध मौत के मामले में उसके पति मयंक सिंघवी को एक घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जिसे मंगलवार को साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा. मयंक के ऊपर धारा 304 b के तहत मामला दर्ज किया गया है. अनीशिया बत्रा के परिवारवालों ने बेटी की हत्या का शक जाहिर किया था. और पुलिस पर शुरुआती जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था.

ज़ी न्यूज़ ने जब साउथ डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी रोमिल बनिया से बात की तो उन्होंने बताया कि 'पीसीआर काल मिली थी,मैक्स हॉस्पिटल से, पंचशील पार्क से कोई गिरा है.

क्राइम टीम मौके पर पहुंचकर इस घटना के संबंध में लोगों से पूछताछ की थी
13 जुलाई 2018 को करीब 5.30 बजे अनीशिया बत्रा का पति से झगड़ा हुआ था. क्राइम टीम मौके पर पहुंचकर इस घटना के संबंध में लोगों से पूछताछ की थी. फैमिली मेंबर्स ने अगले दिन आरोप लगाया था कि दहेज के लिए परेशान किया जा रहा था. पोस्टमार्टम की जानकारी एम्स में दी गई, फैमिली ने कहा कि वीडियो ग्राफी होनी चाहिए, उसके बाद फिर से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. जो आरोप लगाए गए है उसके लिए फैमिली मेंबर्स को नोटिस देकर बुलाया गया है.

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बैंक एकाउंट डिटेल्स ली गई है, बैंक एकाउंट को सीज किया गया है. दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार हैं जांच जारी है, चश्मदीदों के बयान लिए गए है. पुलिस को बहुत सारे सवालों के हल खोजने बाकी है. पुलिस के अनुसार 27 जून को दोनों के बीच झगड़ा हुआ था. 

आईपीसी की धारा-304 बी
दरअसल आईपीसी की धारा-304 बी के तहत प्रावधान है कि अगर महिला की मौत शादी से 7 साल के अंदर जलने, मारपीट, किसी भी रहस्यमय या असामान्य परिस्थिति में होती है और मौत से पहले महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया हो तो प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ दहेज हत्या यानी 304 बी (Dowry Death Law, 1986) का केस बनता है.

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एविडेंस एक्ट की धारा-113 बी के तहत पति और रिश्तेदारों को आरोपी मान लिया जाता है. दहेज हत्या का मामला भी गैर जमानती और संज्ञेय अपराध है और इस मामले में दोषी पाए जाने पर मुजरिम को कम के कम 7 साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है. 

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