प्रदूषण से मुक्ति पाने के लिए दिल्ली में सम-विषम योजना शुरू, केजरीवाल बोले- प्रायोगिक पहल ‘आंदोलन’ में तब्दील
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प्रदूषण से मुक्ति पाने के लिए दिल्ली में सम-विषम योजना शुरू, केजरीवाल बोले- प्रायोगिक पहल ‘आंदोलन’ में तब्दील

बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयासों के तहत देश में नई पहल करते हुए दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी सम-विषम योजना शुक्रवार से लागू हो गयी। इस दौरान नए साल के पहले दिन शहर की सड़कों पर कारों की संख्या में काफी कमी देखी गयी। योजना की निगरानी के लिए शहर में जहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, वहीं सार्वजनिक वाहनों की संख्या भी बढ़ायी गयी।

प्रदूषण से मुक्ति पाने के लिए दिल्ली में सम-विषम योजना शुरू, केजरीवाल बोले- प्रायोगिक पहल ‘आंदोलन’ में तब्दील

नई दिल्ली : बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयासों के तहत देश में नई पहल करते हुए दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी सम-विषम योजना शुक्रवार से लागू हो गयी। इस दौरान नए साल के पहले दिन शहर की सड़कों पर कारों की संख्या में काफी कमी देखी गयी। योजना की निगरानी के लिए शहर में जहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, वहीं सार्वजनिक वाहनों की संख्या भी बढ़ायी गयी।

आज सुबह घड़ी में आठ बजते ही वाहनों की संख्या को सीमित करने वाली नीति प्रभाव में आ गयी। हजारों की संख्या में स्वयंसेवक हाथों में गुलाब का फूल लिए सड़कों पर योजना को लागू करवाने में दिल्ली यातायात पुलिस की मदद करते देखे गए। प्रायोगिक तौर पर यह योजना एक जनवरी से 15 जनवरी के बीच प्रभावी रहेगी।

इस योजना पर लोगों की प्रतिक्रिया से उत्साहित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार की प्रायोगिक पहल ‘एक आंदोलन’ में बदल गयी है।
आज शहर की सड़कों पर विषम पंजीकरण नंबर प्लेट वाली निजी कारें उतरीं लेकिन सम नंबर वाले वाहनों को चलाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत 2000 रूपये का जुर्माना लगेगा। कल इसके उलट सम संख्या वाली कारें सड़कों पर लाने की अनुमति होगी और विषम नंबर वालों पर जुर्माना लगेगा।

कामकाजी दिनों में रात्रि आठ बजे तक प्रभावी रहने वाली योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए यातायात पुलिस की 200 टीमें, यातायात विभाग की 66 टीमें और एसडीएम की 40 टीमों को शहर भर में तैनात किया गया। योजना के शुरू होने के समय शहर में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई थी और दिल्ली सचिवालय समेत कई इलाकों में प्रदूषण स्तर काफी अधिक था। सचिवालय परिसर में बहुत अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया था।

सार्वजनिक यातायात को मजबूत बनाने के लिए शहर में अतिरिक्त 3000 बसों को भी उतारा गया है और साथ ही मेट्रो के 70 अतिरिक्त फेरे लगाने की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरूआती रिपोर्टों के अनुसार, योजना ‘काफी सफल’ रही है और राष्ट्रीय राजधानी में लोगों ने खुले दिमाग से प्रतिबंध को व्यापक तौर पर स्वीकार किया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सचिवालय तक आने के लिए यातायात मंत्री गोपाल राय और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन के साथ कार साझा की। वे उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में रहते हैं। 

दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने एक बार फिर जनता से इस योजना को लेकर 15 दिनों की अवधि में पुलिस बल के साथ सहयोग की अपील की। बस्सी ने कहा, ‘मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे 15 दिनों के लिए दिल्ली यातायात पुलिस के साथ सहयोग करें।’ उन्होंने साथ ही आश्वासन दिया कि शहरभर में योजना के क्रियान्वयन के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘आज लोगों को योजना के बारे में जागरूक करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। हालांकि नियम का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगेगा।’ विषम नंबर प्लेट वाली अपनी कार से सचिवालय पहुंचे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने मुख्यमंत्री के विचारों से सहमति जताते हुए कहा कि लोगों ने इस पहल को अपने ‘खुद के मिशन’ के तौर पर स्वीकार किया है। 

राजधानी में प्रदूषण के खतरनाक स्तर के मद्देनजर योजना की सफलता की जरूरत पर जोर दे रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वयंसेवकों को खास तौर पर चेताया है कि वे लोगों से ‘बहस या दुर्व्‍यवहार’ न करें। दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने योजना के कार्यान्वयन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। 

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर बसों के रूट, मेट्रो, आटो रिक्शा आदि तलाशने में लोगों की मदद कर रहा है। लोग इस पर जाकर पोल्यूशनफ्रीदिल्ली लिखकर रवानगी और गंतव्य स्थल का विवरण भरकर अपनी जरूरत बता सकते हैं। इसके तुरंत बाद ट्विटर उस इलाके में मौजूद सार्वजनिक सुविधाओं के बारे में जानकारी देगा।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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