दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस में उभरे बेचैनी के स्वर
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दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस में उभरे बेचैनी के स्वर

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के एक भी सीट जीतने में नाकाम रहने के बाद पार्टी नेताओं में बेचैनी के स्वर दिख रहे हैं और कई नेताओं का कहना है कि सभी तबकों को साथ नहीं लिया गया जिस वजह से पार्टी की यह दुर्गति बनी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस में उभरे बेचैनी के स्वर

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के एक भी सीट जीतने में नाकाम रहने के बाद पार्टी नेताओं में बेचैनी के स्वर दिख रहे हैं और कई नेताओं का कहना है कि सभी तबकों को साथ नहीं लिया गया जिस वजह से पार्टी की यह दुर्गति बनी।

वरिष्ठ पार्टी नेता अनिल शास्त्री ने ट्विटर पर लिखा है, ‘दिल्ली में कांग्रेस के प्रदर्शन से काफी निराशा हुयी। इस तरह का परिणाम देखना अफसोसजनक है। काश, शीला दीक्षित को भी चुनाव प्रचार में शामिल किया जाता।’ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अगर सभी नेता चुनाव प्रचार में शामिल होते तो चुनाव के नतीजे अलग होते।

तिवारी ने कहा, ‘अगर हर किसी को सामूहिक रूप से चुनाव प्रचार में शामिल किया जाता तो इससे संभवत: अंतर पड़ सकता था।’ चुनाव में कांग्रेस का चेहरा रहे अजय माकन ने कहा कि नतीजे ‘2013 के जनादेश की ही निरंतरता’ हैं और ‘किसी दूसरी पार्टी को खारिज किए जाने से ज्यादा आप की अभिपुष्टि’ है।

उन्होंने कहा कि जब भी हम लोगों के पास अपने चुनावी घोषणा पत्र के साथ गए थे जिसमें सस्ती बिजली और अन्य वादे किए गए थे तो लोगों ने सवाल किया कि आपने पिछले 15 साल में ऐसा क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमें लोगों के बीच विश्वसनीयता फिर से बनानी होगी। उन्होंने कहा कि हमें पार्टी को नए सिरे से लाना होगा।

माना जाता है कि माकन और शीला दीक्षित के बीच बहुत अच्छे संबंध नहीं रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री को इस चुनाव में कोई बहुत बड़ी भूमिका नहीं दी गयी।

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