हौजखास गांव ऐसे टाइम बम जैसा, जो कभी भी फट सकता है : दिल्ली हाईकोर्ट
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हौजखास गांव ऐसे टाइम बम जैसा, जो कभी भी फट सकता है : दिल्ली हाईकोर्ट

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नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण दिल्ली का हौज खास गांव ऐसे टाइम बम जैसा है जो कभी भी फट सकता है. अदालत ने कहा कि न तो सरकारी एजेंसियों ने और ना ही क्षेत्र के रेस्तरां मालिकों ने सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर उसके सवालों का जवाब दिया.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली पीठ ने रेस्तरां मालिकों के संगठन को चेताया कि अगर कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना होती है तो वे दीवानी और फौजदारी दायित्वों से बच नहीं पाएंगे क्योंकि क्षेत्र में आपातकालीन वाहनों के प्रवेश के लिए वस्तुत: बिल्कुल जगह नहीं है.

पीठ में न्यायमूर्ति सी हरि शंकर भी शामिल थे. अदालत ने इस बात पर चिंता जताई कि किस तरह से दक्षिण दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस, दिल्ली दमकल सेवा और अन्य एजेंसियों ने गांव का व्यवसायीकरण होने दिया, जिससे सार्वजनिक परेशानियां और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा हो गईं.

अदालत ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस, दिल्ली दमकल सेवा, एसडीएमसी और दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट बताती हैं कि हौज खास गांव ऐसे टाइम बम जैसा है जो फटने वाला है जहां महत्वपूर्ण जन एवं आपातकालीन सेवाएं नहीं हैं.’’ अदालत ने ये टिप्पणियां सामाजिक कार्यकर्ता पंकज शर्मा और अधिवक्ता अनुजा कपूर द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर कीं.

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