मिर्चपुर दलित कांड में दिल्‍ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 3 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई
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मिर्चपुर दलित कांड में दिल्‍ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 3 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2010 के मिर्चपुर मामले के दोषियों द्वारा उनकी सजा के खिलाफ की गयी अपील खारिज कर दी. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : दिल्‍ली हाईकोर्ट ने साल 2010 में हरियाणा में हुए मिर्चपुर में दलितों पर हुए हमले और दो दर्जन से ज़्यादा दलितों के घर को जलाने के आरोप में 3 लोगों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. इसके अलावा हाइकोर्ट ने 30 अन्‍य को एससी/एसटी एक्ट, लूटपाट, दंगा फैलाने के आरोप में 6 महीने से लेकर 3 साल तक की सज़ा सुनाई है. इससे पहले दिल्ली की निचली अदालत ने 3 लोगों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2010 के मिर्चपुर मामले के दोषियों द्वारा उनकी सजा के खिलाफ की गयी अपील खारिज कर दी. उच्च न्यायालय ने कहा कि स्वतंत्रता के 71 साल बाद भी अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में कमी के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं.

 

 

हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ने संविधान में SC/ST और दिव्‍यांगों को बचाने के लिए जो प्रावधान किए थे, उसे इस मामले में ताक पर रखा गया.

दरअसल, यह घटना 8 साल पुरानी है, जब अप्रैल 2010 में हरियाणा के मिर्चपुर गांव में 70 साल के दलित बुजुर्ग और उसकी बेटी को जिंदा जिला दिया गया था. इसके बाद गांव के दलितों ने पलायन कर लिया था. कोर्ट ने कहा कि इस घटना से दलितों के 254 परिवारों की जिंदगी प्रभावित हुई, उन्हें अपने गांव मिर्चपुर को छोड़कर पलायन करना पड़ा.

हाईकोर्ट ने कहा कि आज़ादी के 70 साल के बाद भी दलितों के साथ इस तरह की घटना बेहद शर्मनाक है. दलितों के खिलाफ अभी भी अत्याचार कम नहीं हुए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने हरियाणा सरकार को दिया पीडि़त परिवारों का रिहैबिलिटेशन करें.

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