दिल्ली मेट्रो 5वीं बार करेगी यमुना पुल को पार, शुरू हुआ कार्य, जानें इसकी खासियत
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दिल्ली मेट्रो 5वीं बार करेगी यमुना पुल को पार, शुरू हुआ कार्य, जानें इसकी खासियत

यमुना नदी पर बनने वाला 5 वां पुल सूरघाट मेट्रो स्टेशन और सोनिया विहार मेट्रो स्टेशन को मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर से जोड़ेगा. यह पुल यमुना पर मौजूदा दो पुलों यानि वजीराबाद ब्रिज और सिग्नेचर ब्रिज के बीच बनेगा. 

फोटो साभार- DMRC

नई दिल्ली: दिल्ली वालों के लिए एक अच्छी खबर है. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने दिल्ली मेट्रों (Delhi Metro) के फेज-4 के तहत यमुना नदी (Yamuna) पर 5वें मेट्रो पुल का निर्माण काम शुरू कर दिया है. मेट्रो के फेज-4 के तहत मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर तक है. अब इस पर 560 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा. बताते चलें कि अब तक यमुना नदी पर दिल्ली मेट्रो के 4 पुल हैं. 

  1. दिल्ली मेट्रो 5वीं बार करेगी यमुना पुल को पार
  2. केंटीलीवर तकनीक से बनने वाला दिल्ली मेट्रो का पहला पुल 
  3. पुराने वजीराबाद पुल से नीचे होगा पुल 

यमुना नदी पर बनने वाला 5 वां पुल सूरघाट मेट्रो स्टेशन और सोनिया विहार मेट्रो स्टेशन को मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर से जोड़ेगा. यह पुल यमुना पर मौजूदा दो पुलों यानि वजीराबाद ब्रिज और सिग्नेचर ब्रिज के बीच बनेगा. इससे तीनों पुलों के बीच मेट्रो के झूलने का आभास यात्रियों को होगा. 

केंटीलीवर तकनीक का उपयोग करके बनाए जाने वाला यमुना पर यह पहला मेट्रो पुल होगा. केंटीलीवर एक सुदृढ़ संरचनात्मक आधार है जो क्षैतिज रूप से बना होता है और इसका सपोर्ट केवल एक छोर पर होता है. केंटीलीवर निर्माण में बिना अतिरिक्त सपोर्ट के संरचनाओं की ओवरहैंगिंग की जाती है. यह पुल पुराने वजीराबाद पुल से लगभग 385 मीटर नीचे की ओर और मौजूदा सिग्नेचर ब्रिज से 213 मीटर ऊपर की ओर यमुना नदी को पार करता है.

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अन्य खास बातें --
लंबाई                   560मिमी.
कुल स्पैन            -   8 स्पैन
खंबों की संख्या    -   9खंबे (188 से 196)
निर्माण की विधि   -   सीएलसी 

अभी तक यमुना नदी पर निर्मित मेट्रो पुल --
1. यमुना बैंक - ब्लू लाईन- 698.8 मीटर
2. निजामुदद्दीन - पिंक लाईन - 602.8 मीटर
3. कालिंदी कुंज - मजेंटा लाईन - 574 मीटर
4. शास्त्री पार्क - रेड लाईन - 553 मीटर 

बताते चलें कि बिल्डिंग इंफॉर्मेशन मॉडलिंग (BIM) तकनीक का उपयोग करके पुल के डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया है. पुल के निर्माण के लिए संबंधित एजेंसियों से सभी जरूरी अनुमति प्राप्त कर ली गई हैं. डीएमआरसी के मुताबिक  'यहां से निकलने वाले मिट्टी/मलबे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जा रहा है और बाढ़ के मैदान में किसी भी प्रकार की डंपिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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