आरपीएफ कांस्टेबल अजय और यूपी पुलिस के कांस्टेबल सर्वेश ने पहले एलआईसी एजेंट प्रेम कुमार को किडनैप करने की कोशिश की थी.
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नई दिल्ली: दिल्ली के सराय रोहिल्ला इलाके में आरपीएफ कांस्टेबल अजय ने यूपी पुलिस के एक कांस्टेबल के साथ मिलकर अपने सरकारी क्वार्टर में 19 जुलाई को रस्सी से गला दबाकर एक 25 साल के एलआईसी एजेंट प्रेम कुमार की हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि आरपीएफ कांस्टेबल अजय ने एलआईसी एजेंट प्रेम कुमार को एक करोड़ की एलआईसी के लिए अपने क्वार्टर पर बुलाया था. आरोपी कांस्टेबल ने एजेंट की बाईक क्वार्टर से 10 मीटर दूर खड़ी करवाई थी. इसके बाद उसे क्वार्टर में ले गए, वहां यूपी पुलिस का कांस्टेबल सर्वेश पहले से मौजूद था. बताया जा रहा है कि आरपीएफ कांस्टेबल अजय और यूपी पुलिस के कांस्टेबल सर्वेश ने पहले एलआईसी एजेंट प्रेम कुमार को किडनैप करने की कोशिश की. रस्सी से बांधने की कोशिश में उसका गला कस गया और प्रेम कुमार की मौत हो गई.
पुलिस की पूछताछ में आरोपी कांस्टेबल अजय ने बताया कि उन्हें लगा अजय पॉलिसी करता है और उसके पास पेमेंट भी रहती होगी. आरोपी ने बताया कि पैसों के लालच में दोनों कांस्टेबलों ने मिलकर उसे किडनैप करने की योजना बनाई थी. आरोपी ने बताया कि दोनों कांस्टेबलों ने पहले प्रेम कुमार को रस्सी से बांधने की कोशिश की, लेकिन वो भागने लगा. भागने की कोशिश में उसे रस्सी से रोका. रस्सी उसके गले में थी, जिससे उसका दम घुट गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई. प्रेम की मौत के बाद उन्होंने उसकी लाश को लोहे के सन्दूक में रखा और इटावा ले गए. वहां सन्नाटा देखकर एक नहर में बॉडी डाल दी.
वहीं, एलआईसी एजेंट प्रेम कुमार के पिता ने बेटे का फोन काफी समय तक बंद आने पर पुलिस को कॉल किया. पुलिस ने फोन सर्विलांस पर लगा कर लोकेशन पता की. आखिरी लोकेशन दिल्ली के सराय रोहिल्ला के पुलिस क्वार्टर की आई. पिता ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा सराय रोहिल्ला में पॉलिसी करने कांस्टेबल अजय के पास गया था. पूछताछ में अजय ने जुर्म कबूल लिया. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. रविवार को इटावा की नहर से प्रेम कुमार का शव भी बरामद हो गया. मामले में पुलिस ने पहले गुमशुदगी फिर किडनैपिंग का और अब किडनैपिंग के साथ हत्या का मामला मामला दर्ज किया है. वहीं, दूसरा आरोपी यूपी पुलिस का कांस्टेबल सर्वेश फरार है और उसकी तलाश की जा रही है.
नॉर्थ जिले की डीसीपी नूपुर शर्मा के मुताबिक पुलिस को आरपीएफ सिपाही अजय डिफॉल्टर था. पैसों की तंगी चल रही थी. यूपी पुलिस का सिपाही जो अजय का दोस्त है, उसकी भी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. LIC एजेंट प्रेम ने अजय को कुछ दिनों पहले लोन के लिए फोन किया था. तब इन्होंने प्रेम से 1 करोड़ के लोन की बात की थी. अजय और सिपाही ने सोचा कि इसने कई लोगों की LIC करवाई होगी. इसके घर पर पैसा होगा. इसको किडनैप करेंगे और फिर एक करोड़ फिरौती मांगेंगे. इस बात पर 19-20 जुलाई को प्रेम को लोन के बहाने बुलाया. उसे रस्सी के सहारे बांधने की कोशिश कर रहे थे लेकिन दोनों को काबू नहीं कर पा रहे थे. तभी दोनों ने मिलकर रस्सी से उसका गला दबाकर मार दिया. लाश को बक्से में डाला. इटावा की नहर में बॉडी को फेंक दिया. अब पुलिस सिपाही सर्वेश की तलाश कर रही है जिसकी गिरफ्तारी के बाद वजह और साफ हो पाएगी.