सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल, मांग पर राजी हो गया मेडिकल संस्थान
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सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल, मांग पर राजी हो गया मेडिकल संस्थान

अस्पताल में इलाज के लिए आए दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल के बेटे ने एक डॉक्टर को कथित रूप से घूंसा मार दिया था. इसके बाद डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे.

सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार शाम को अपनी हड़ताल वापस ले ली. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार शाम को अपनी हड़ताल वापस ले ली. इससे पहले, प्रशासन मेडिकल संस्थान में सुरक्षा बढ़ाने की उनकी मांग पर राजी हो गया था. अस्पताल में डॉक्टरों के दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहने की वजह से सोमवार सुबह आपात सेवाएं प्रभावित रही. केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में इलाज के लिए आए दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल के बेटे ने एक डॉक्टर को कथित रूप से घूंसा मार दिया था. इसके बाद डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे.

स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव संजीव कुमार ने सोमवार को अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों और रेजिडेंट डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. बैठक में, अंतरिम इंतजाम के तौर पर 18 मार्शलों को तैनात करने का फैसला किया गया. बैठक के विवरण में कहा गया है कि इसके अलावा, अस्पताल 30 अतिरिक्त मार्शलों की तैनाती के लिए एक प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्रालय को मंजूरी के लिए सौंपेगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि एसएसबी के अतिरिक्त 100 सुरक्षा कर्मियों को तुरंत तैनात किया जाएगा और एक समिति गठित की जाएगी जो अस्पताल परिसर में सुरक्षा गार्ड और मार्शल की आवश्यक संख्या का आकलन करके दो हफ्तों में रिपोर्ट देगी. उन्होंने ने बताया कि वे आरडीए द्वारा छात्रावास के कमरों को बनाए जाने की मांगों पर भी गौर करेंगे.

मरीज ने दम तोड़ा
अस्पताल के आपात सेवा विभाग में शनिवार को भर्ती कराये गये दुर्घटना के शिकार 18 वर्षीय पीड़ित ने सोमवार को दम तोड़ दिया. उसके परिवार ने आरोप लगाया कि हड़ताल के कारण उसे उचित इलाज नहीं मिला. उसे गुड़गांव स्थित एक अस्पताल से सफदरजंग रेफर किया गया था.

पीड़ित के बड़े भाई ने कहा, ‘‘मेरे भाई को शनिवार को इस अस्पताल रेफर किया गया था और रविवार को रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों का सही से उपचार नहीं हो रहा था.’’ उन्होंने बताया, ‘‘हमने आग्रह भी किया कि हमारे भाई को दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं किया गया और उसने आज सुबह दम तोड़ दिया.’’

एक अन्य घटना में एक परिवार ने आरोप लगाया कि समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण 20 वर्षीय महिला की मौत हो गई. हालांकि, रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के एक सदस्य ने इन मौतों और हड़ताल के बीच किसी संबंध पर टिप्पणी करने से परहेज किया.

मौतें दुर्भाग्यपूर्ण
संगठन के सफदरजंग अस्पताल के अध्यक्ष डॉक्टर प्रकाश ठाकुर ने कहा, ‘‘मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं. वरिष्ठ डॉक्टर आपात वार्ड में मरीजों की देखभाल कर रहे हैं. कार्यस्थल पर डॉक्टरों पर हमलों की घटनाएं अक्सर होती हैं और उनकी सुरक्षा के लिए अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और मार्शलों को तैनात करने की आवश्यकता है.’’

1,600 से अधिक डॉक्टरों की हड़ताल
बता दें कि शनिवार को अपने सहकर्मी के साथ कथित मारपीट को लेकर करीब 1,600 से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. पुलिस ने कहा था कि हेड कांस्टेबल वीरेंद्र का बेटा अक्षय कुमार (24) अपने दोस्त राजेश के साथ रविवार सुबह अस्पताल गया था. अक्षय के पेट में दर्द था. पुलिस ने कहा कि वीरेंद्र सफदरजंग एन्क्लेव थाने में हेड कांस्टेबल के तौर पर तैनात है.

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