दिल्ली: JNU में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अपमान, उपद्रवियों ने अपशब्द भी लिखे
मूर्ति तोड़ने को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में उपद्रवियों ने उद्घाटन से पहले ही स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को खंडित कर दिया. यही नहीं, मूर्ति के नीचे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए अपशब्द भी लिख दिए. मालूम हो कि जेएनयू में फीस वृद्धि समेत दूसरी मांगों को लेकर छात्र-छात्राएं पिछले दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
मूर्ति तोड़ने को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. सांसद ने कहा कि जेएनयू में देशविरोधी विचारधारा को बढ़ावा मिल रहा है. यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले राष्ट्रविरोधी तत्वों की पहचान कर इन्हें तुरंत परिसर से बाहर किया जाना चाहिए.
Delhi: A statue of Swami Vivekananda inside Jawaharlal Nehru University(JNU) was vandalized by miscreants.More details awaited. pic.twitter.com/UM8QPWjlOU
— ANI (@ANI) November 14, 2019
इससे पहले, जेएनयू में कथित फीस वृद्धि और छात्रावास ड्राफ्ट मैनुअल को लेकर छात्रसंघ के सदस्यों और विद्यार्थियों ने सोमवार को परिसर से बाहर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस ने कथित तौर पर कुछ छात्रों और छात्राओं को धक्का दिया. इसके विरोध में छात्रों ने दिल्ली पुलिस पर फब्ती कसते हुए 'तीस हजारी, तीस हजारी' के नारे लगाए. पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उन पर पानी की बौछारें करनी पड़ीं. इस प्रदर्शन की वजह से एक समारोह में जेएनयू पहुंचे मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री काफी समय तक फंसे रहे और वह विश्वविद्यालय से बाहर नहीं निकल सके.
जवाहरलाल नेहरू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के सदस्यों और विद्यार्थियों द्वारा सोमवार को परिसर से बाहर आयोजित विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ, जब सोमवार को विश्वविद्यालय में तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया था. इस समारोह को संबोधित करने के लिए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को आमंत्रित किया गया था.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस पर निर्णय लेते हुए हॉस्टल फीस की बढ़ोत्तरी वाले फैसले में सुधार किया है. मंत्रालय के अधिकारी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. आर सुब्रमण्यम जो मंत्रालय में अधिकारी हैं, उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि कार्यपालिका कमिटी ने हॉस्टल फीस बढ़ाने के फैसले को वापस ले लिया है. इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक नई स्कीम शुरू करने की योजना बना रही है.
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