हालांकि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे जिन लोगों ने चालान भर दिया था, उनके रिफंड का मसला अब भी फंसा हुआ है.
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नई दिल्ली: गाजियाबाद को कनेक्ट करने वाले एनएच-9 (NH-09), जिसे पहले एनएच-24 (NH-24) के नाम से और अब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (Delhi Meerut Expressway) के नाम से जाना जाता है, उस पर स्पीड लिमिट
(Speed Limit) को लेकर पैदा हुआ विवाद आखिरकार अब खत्म हो गया है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (Delhi Traffic Police) ने औपचारिक तौर पर एक नोटिफिकेशन जारी करके इस कॉरिडोर पर अधिकतम स्पीड लिमिट में बदलाव कर दिया.
इस कॉरिडोर पर ओवर स्पीडिंग के गलत चालान काटे जाने की वजह से ट्रैफिक पुलिस को पिछले दिनों काफी किरकिरी का सामना करना पड़ा था. विवाद बढ़ने के बाद गलत तरीके से काटे गए डेढ़ लाख से ज्यादा चालान वापस लेने या कैंसल करने का फैसला लिया गया. हालांकि जिन लोगों ने चालान भर दिया था, उनके रिफंड का मसला अब भी फंसा हुआ है.
ट्रैफिक पुलिस ने एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें बताया गया कि एनएच-9 पर मिलेनियम पार्क से गाजीपुर बॉर्डर तक कार, जीप और टू व्हीलर्स आदि के लिए अधिकतम स्पीड लिमिट, जो पहले 60 किमी प्रतिघंटे की थी, उसे अब बढ़ाकर 70 किमी प्रति घंटा कर दिया गया है. हालांकि ऑटो व अन्य ट्रांसपोर्ट वीइकल्स के लिए अधिकतम स्पीड लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसलिए इन वाहनों के चालकों को पहले की तरह अधिकतम 40 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से ही इस कॉरिडोर पर गाड़ी चलानी पड़ेगी. नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा.
ट्रैफिक पुलिस ने लोगों की जानकारी के लिए इस रोड का मेंटनेंस करने वाली संबंधित सिविक एजेंसी से भी कहा है कि वह इस कॉरिडोर पर जगह-जगह स्पीड लिमिट की जानकारी देने वाले साइनेज ऐसी जगहों पर लगाएं, जहां वे लोगों को नजर आ सकें.
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इस नोटिफिकेशन से यह भी साफ हो गया है कि इस कॉरिडोर पर टू व्हीलर्स के लिए भी अधिकतम स्पीड लिमिट 70 किमी प्रतिघंटे की ही रहेगी. ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने साफ किया है कि इस कॉरिडोर पर लगाए गए स्पीड डिटेक्शन कैमरों के जरिए ऐसे जितने भी लोगों के चालान काटे गए हैं, जिनकी स्पीड 70 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की थी, उनके चालान कैंसल नहीं किए जाएंगे और ऐसे सभी लोगों को जुर्माना भरना पड़ेगा. लेकिन जिन लोगों के चालान 70 किमी से कम की स्पीड के बावजूद काटे गए थे, उन सभी को कैंसल किया जाएगा. बताया जा रहा है कि ऐसे चालानों की तादाद डेढ़ लाख से भी ज्यादा है. ये चालान इसी साल जुलाई से सितंबर के बीच काटे गए थे.