दिल्ली के बुजुर्गों ने खुलकर बताया, कितनी मददगार है दिल्ली पुलिस
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दिल्ली के बुजुर्गों ने खुलकर बताया, कितनी मददगार है दिल्ली पुलिस

पुलिस का नाम सामने आते ही हमारे दिलों दिमाग में सिर्फ नकारात्मक तस्वीर सामने आती है. लेकिन जब आपके अपने आप से दूर हो या फिर अपने साथ नहीं होते तो कैसे दिल्ली पुलिस मददगार साबित हो रही है.

दिल्ली पुलिस बुजुर्गों की मदद के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: पुलिस का नाम सामने आते ही हमारे दिलों दिमाग में सिर्फ नकारात्मक तस्वीर सामने आती है. लेकिन जब आपके अपने आप से दूर हो या फिर अपने साथ नहीं होते तो कैसे दिल्ली पुलिस मददगार साबित हो रही है. देश की राजधानी दिल्ली में हजारों बुजुर्ग अकेले रहने के लिए मजबूर हैं. इन बुजुर्गों में कुछ के परिवार में कोई सदस्य नहीं तो कुछ बुजुर्गों के बच्चे उन्हें अकेला छोड़कर कहीं और रहने के लिए चले गए, तो कहीं कुछ बुजुर्गों के बच्चे नौकरी की तलाश में दूसरे शहर और दूसरे मुल्कों में जाकर बस गए और यहां छोड़ गए अपने पीछे अपने बूढ़े अकेले मां-बाप को, जो घरों में अकेले रहने के लिए मजबूर हैं. 

सबसे बड़ी समस्या इनकी सुविधा, इनकी परेशानी और इनकी सुरक्षा की है. दिल्ली में अपराध चरम पर है. बदमाश खासतौर से उन बुजुर्गों को अपना निशाना बनाते हैं जो दिल्ली में अकेले रह रहे होते हैं और काफी ज्यादा बूढ़े होते हैं. ऐसे बुजुर्ग इन बदमाशों का आसान टारगेट होते हैं. दिल्ली पुलिस ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए तमाम तरीके की मुहिम चला रखी है और अपने पुलिसकर्मियों को यह आदेश दे रखा है कि समय-समय पर इन अकेले बुजुर्ग लोगों के पास जाकर उनका हालचाल पूछे. उनको कोई समस्या हो तो उनकी समस्याओं को दूर करें. उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करें और उनका खास ख्याल रखें.

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ZEE न्यूज़ की टीम ने दिल्ली पुलिस के इस दावे की तस्दीक करने के लिए दिल्ली में उन तमाम बुजुर्गों के घर का दरवाजा खटखटाया जो 70 से ज्यादा बसंत देख चुके हैं और अकेले रहने के लिए मजबूर हैं. दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में रहने वाले 78 साल के प्रकाश राय और उनकी पत्नी 77 साल की प्रवीण राय अकेले ही अपने फ्लैट में रहते हैं. प्रकाश और प्रवीणा का एक बेटा और एक बेटी है जो ऑस्ट्रेलिया में सेटल हो चुके हैं. प्रकाश प्रोफेसर के पद से रिटायर हैं और वह सिंगापुर में चढ़ाते थे. दिल्ली पुलिस प्रकाश और उनकी पत्नी प्रवीणा का हालचाल जानने उनके घर पहुंची. 

दरवाजा खुलते ही दिल्ली पुलिस को देखते ही प्रकाश और उनकी पत्नी ने पुलिस का खुले दिल से स्वागत किया. दिल्ली पुलिस ने उनसे किसी भी तरह की हो रही परेशानियों के बारे में पूछा. सुरक्षा के बारे में पूछा और यह भी कहा कि अगर कोई परेशानी हो तो वह किसी भी वक्त फोन कर सकते हैं. प्रकाश और प्रवीणा का कहना है दिल्ली पुलिस ने उनके घर में स्लाइडिंग गेट लगवाने के लिए कहा ताकि अगर दरवाजे पर दस्तक हो तो पहले अंदर से ही वह देख पाएं कि दरवाजे की दूसरी तरफ कौन है ताकि उनकी सुरक्षा में कोई सेंध न लग पाए.

वहीं 74 साल के प्रकाश चंद्र का कहना है कि वह पहले अपनी पत्नी के साथ यहां रहते थे लेकिन 1 साल पहले उनकी पत्नी का देहांत हो गया तब से वह अकेले रहने के लिए मजबूर हैं. उनके दो बेटे हैं जो दिल्ली में ही दूसरी जगह अलग रहते हैं. प्रकाश चंद कोल विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए हैं. प्रकाश चंद का भी कहना है कि दिल्ली पुलिस उनका खास ख्याल रखती है. उनका घर ग्राउंड फ्लोर पर है ऐसे में दिल्ली पुलिस निकलते हुए रोज उनसे मिलती है और उनसे उनका हालचाल पूछने के साथ ही किसी भी तरह की परेशानियों के बारे में भी पूछती है और अगर कोई परेशानी होती है तो उसका समाधान भी करती है.

शिव चरण मल्होत्रा तो 80 साल से भी ज्यादा के हैं और पत्नी के साथ फ्लैट में रहते हैं. शिव चरण मल्होत्रा कंसलटेंट के पद से रिटायर हैं. उनका एक बेटा है जो ऑस्ट्रेलिया में रहता है और कभी-कभी इनके पास आकर इनका हाल-चाल भी लेता है. इस दौरान बेटे की अनुपस्थिति में दिल्ली पुलिस है जो उनका खास ख्याल रखती है. हफ्ते में दो से तीन बार दिल्ली पुलिस मल्होत्रा जी के पास जाती है उनकी समस्याओं को सुनती है, उनकी सुरक्षा का ख्याल रखती है. शिव कुमार मल्होत्रा का कहना है दिल्ली पुलिस उनका ख्याल रखती है. यहां आपको बता दे कि राजधानी दिल्ली में अभी 37500 रजिस्टर्ड सीनियर सिटिजन हैं.

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