CPCB ने कहा, 'प्रदूषण के खिलाफ शिकायतों पर एजेंसियों की कार्रवाई नाकाफी'
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CPCB ने कहा, 'प्रदूषण के खिलाफ शिकायतों पर एजेंसियों की कार्रवाई नाकाफी'

सीपीसीबी ने कहा कि सीपीसीबी द्वारा विकसित समीर एप पर दर्ज शिकायतों के खिलाफ उठाया गया कदम "नाकाफी" है. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्रदूषण के खिलाफ लोगों की शिकायतों पर कानून लागू कराने वाली एजेंसियों की कार्रवाई को ‘नाकाफी’ बताते हुए उनसे शिकायतों के समाधान के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़ने को कहा है.

एनडीएमसी, एसडीएमसी, ईडीएमसी, डीएमआरसी, सीपीडब्ल्यूडी, डीडीए के अलावा दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत अन्य सरकारी निकायों को ये निर्देश दिए गए.

सरकारी एजेंसियों और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ पिछले सप्ताह बैठक में सीपीसीबी सदस्य सचिव प्रशांत गार्गव ने कहा कि सीपीसीबी द्वारा विकसित समीर एप पर दर्ज शिकायतों के खिलाफ उठाया गया कदम "नाकाफी" है. उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आना चाहिए और उनसे जुड़ी शिकायतों के संबंध में कदम उठाने चाहिए.’’ 

उन्होंने कहा,‘कानून की तामील कराने वाली संस्थाओं द्वारा लोगों की शिकायतों पर की गयी कार्रवाई बिल्कुल नाकाफी है. कई एजेंसियां सोशल मीडिया प्लेटफार्म से भी नहीं जुड़ी है.’ यह दूसरी बार है जब सीपीसीबी ने सरकारी एजेंसियों को प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दर्ज शिकायतों का समाधान करने को कहा है .

धुंध में लिपटी दिल्ली,आठ क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में
राष्ट्रीय राजधानी में धुंध छाने से वायु गुणवत्ता खराब हो गई है वहीं आठ स्थानों में यह गंभीर स्तर पर पहुंच गई है. सीपीसीबी के आकड़ों के मुताबिक दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 360 दर्ज किया गया जो ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में आता है.

सीपीसीबी के अनुसार द्वारका सेक्टर आठ, जहांगीरपुरी, मुंडका, नरेला, नेहरू नगर, रोहिणी, आनंद विहार और वजीरपुर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई वहीं दिल्ली के 23 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में रही. इसमें कहा गया कि पीएम 2.5 का स्तर 211 रहा वहीं पीएम 10 का स्तर 394 दर्ज किया गया. 

शून्य से 50 अंक तक वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘अच्छा’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘मध्यम’, 201 से 300 के स्तर को ‘खराब’, 301 से 400 के स्तर को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के स्तर को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गाजियाबाद में वायु प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा जहां एक्यूआई 407 के साथ वायु गुणवत्ता ‘‘गंभीर’’ श्रेणी की रही. ग्रेटर नोएडा, गुडगांव, फरीदाबाद और नोएडा में यह ‘बेहद खराब’ रही. भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की चादर लिपटी हुई है और हवा की गति तथा वेंटिलेशन सूचकांक प्रदूषक तत्वों के हटने के अनुकूल नहीं है.

(इनपुट - भाषा)

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