नई दिल्ली: पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के दो कारण बताए हैं. इनमें एक तो पहले से अंदर-बाहर से प्रदूषण और दूसरा मौसम की वजह से है. जब दोनों प्रतिकूल हो जाते हैं तो समस्या होती है. उन्होंने कहा कि हम उत्सर्जन कम करने की कोशिश कर रहे हैं. हर व्यक्ति को इसके लिए काम करना चाहिए. हमने कई प्रोग्राम चलाए हैं, कुछ में सफलता मिली और कुछ में नहीं. मिश्रा ने कहा कि हम हर दिन नये प्रयास कर रहे हैं. आशा है कि 1-2 साल में हम सफल होंगे.
सवाल:- दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए पराली कितनी जिम्मेदार है?
जवाब:- ये चीजें मायने नहीं रखतीं, वो एक स्त्रोत है, सरकार को सारे स्त्रोतों को देखना है.
सवाल:- ऑड-ईवन सक्सेस होगा?
जवाब:- कई सारे कदम उठाने होंगे. धूल, वाहन और उद्योगों को लेकर भी.
#राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) और सतत विकास के लिए अभिनव समाधान (TERI) की रिपोर्ट प्रदूषण पर आई है ये कहती है:-
- दिल्ली में पीक पल्युशन के लिए पराली और दीवाली जिम्मेदार है.
- एनसीआर में 16 लाख घरों में बायोमास (लकड़ी) पे खाना बनता है.
- दिल्ली एनसीआर में 2226 फैक्ट्री बिना गैस ईंधन वाली है.
- हरियाणा में थर्मल पावर स्टेशन चलता है.
- दिल्ली एनसीआर में धूल बहुत है.
दिल्ली-NCR में हालात और ज्यादा खराब, वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, विजिबिलिटी 400 मीटर
#सुझाव:-
- दीवाली ऐसे मनाई जाए जैसे दशहरा मनाया जाता है यानी हर RWA कम्युनिटी लेवल पर पटाखे फोड़े जाएं. पटाखों का कोटा फिक्स हो.
- पराली के लिए इंसेंटिव मिले.
- झाड़ू डस्ट हटाने वाली मशीनों से लगे और छोटे-छोटे रास्तों के लिए भी मशीन आए.
- 16 लाख घरों में उज्वला गैस सिलेंडर दिए जाएं. बाकियों को डबल सिलेंडर दिए जाएं.
दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर
विश्व वायु गुणवत्ता सूचकांक रैंकिंग पर एयर विजुअल के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली ने शुक्रवार को 527 एआईक्यू के साथ दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर होने का दर्जा प्राप्त कर लिया है. एयर विजुअल के आंकड़े लगातार अपडेट होते रहते हैं, लिहाजा दिन के दौरान रैंकिंग और एक्यूआई आंकड़े बदलते रहते हैं.