आईपीएस अधिकारी व फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर की आत्महत्या प्रकरण में नया खुलासा हुआ है.
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फरीदाबाद: आईपीएस अधिकारी व फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर के आत्महत्या प्रकरण में नया खुलासा हुआ है. मुकदमा नंबर 753 के अलावा डीसीपी विक्रम कपूर को महिला लगातार ब्लैकमेल कर रही थी. 753 में आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद के भांजे और उसके दो साथियों के खिलाफ पुलिसकर्मियों को जान से मारने और एटीएम हैंग करने का प्रयास का मामला दर्ज हुआ था. जब पुलिस इंस्पेक्टर अपने भांजे का नाम केस से नहीं निकल पाया तो उसने तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर डीसीपी को ब्लैकमेल किया.
उसी के चलते डीसीपी ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से अपने सरकारी आवास पर 4 दिन पहले गोली मारकर सुसाइड कर ली थी. हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने विक्रम कपूर की आत्महत्या प्रकरण में एसआईटी का गठन किया था. पुलिस इस मामले में आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर चुकी है जिसे अदालत ने पूछताछ के लिए 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भी भेज दिया है. कल फरीदाबाद के पुलिस अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूरे मामले का खुलासा करेंगे.
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गौरतलब है कि 14 अगस्त बुधवार सुबह करीब 6:00 बजे अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. कपूर फरीदाबाद में बतौर एनआइटी डीसीपी तैनात थे. 1983 में कपूर बतौर एएसआई तैनात हुए और विक्रम कपूर को 2020 अक्टूबर में रिटायर होना था. 2017 में कपूर बतौर आईपीएस पदोन्नत हुए थे.
कपूर यहां पुलिस लाइन में अपने 1 बेटे और पत्नी के साथ रहते थे और दूसरा बेटा पंचकूला में रहता था. उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें फरीदाबाद के ही एक थाने में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद पर उसे लगातार टॉर्चर करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था.