किसानों को अब नहीं जलानी पड़ेगी पराली, ICAR ने एक साल की रिसर्च के बाद निकला यह तरीका
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किसानों को अब नहीं जलानी पड़ेगी पराली, ICAR ने एक साल की रिसर्च के बाद निकला यह तरीका

बता दें पिछले कुछ सालों में दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर का एक कारण दिल्ली के आसपास के राज्यों में किसानों द्वारा पराली का जलाना भी माना गया था. 

(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. देश के सबसे बड़े कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) ने इस समस्या को सुलझा देने का दावा किया है. बता दें पिछले कुछ सालों में दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर का एक कारण दिल्ली के आसपास के राज्यों में किसानों द्वारा पराली का जलाना भी माना गया था. 

ICAR का कहना है कि पराली को अगर खेत में ही काट कर मिला दिया जाए तो इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है. ICAR का दावा है कि ऐसा करने से जमीन की उत्पादकता बढ़ेगी. 

करीब एक साल की रिसर्च के बाद निकला समाधान
ICAR और मैक्सिको के वैज्ञानिकों ने यूपी, पंजाब और हरियाणा में करीब 1 साल तक रिसर्च करने के बाद यह समाधान निकाला है. ICAR ने कहा कि मशीन की सहायता से पराली जमीन में मिला देने से ज़मीन की उत्पादकता बढ़ रही है मिट्टी की सेहत भी सुधर रही है.

ICAR के डायरेक्टर जनरल त्रिलोचन महापात्रा के मुताबिक इस पद्धति से 4500 गांवों में पराली नहीं जलाने में सफलता मिली है. मशीन के लिए सरकार 50% से 80% तक सब्सिडी दे रही है.

पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी
कृषि विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी अश्विनी कुमार के मुताबिक 'मशीन से मिट्टी में पराली दबाने से पराली जलाने की घटनाओं में बहुत कमी आई है.  पंजाब 11%, हरियाणा 29%,यूपी 24% घटनाओं में कमी आई है वहीं एयर क्वालिटी इंडेक्स में 50%तक सुधार देखा गया है.'

 

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