संजय सिंह ने कहा कि किसी को जबरन जय श्रीराम बोलने पर मजबूर कर देश में कौन सी संस्कृति विकसित की जा रही है.
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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने अल्पसंख्यक समुदाय के युवक से कथित तौर पर जबरन जय श्रीराम कहलवाए जाने की घटना की निंदा करते हुये कहा है कि देश के सांप्रदायिक सौहार्द के लिए इस तरह की घटनाएं उचित नहीं हैं.
सांप्रदायिक पहचान वाली घटनाओं को बताया शर्मनाक
सिंह ने गुरुवार को कहा कि पुणा, गुरुग्राम और बेगुसराय में समुदाय विशेष के लोगों को नाम पूछ कर सांप्रदायिक पहचान के आधार पर प्रताड़ित करने की घटनायें शर्मनाक हैं. उन्होंने कहा कि किसी को जबरन जय श्रीराम बोलने पर मजबूर कर देश में कौन सी संस्कृति विकसित की जा रही है.
'यह महात्मा गांधी का देश है'
सिंह ने कहा, ‘‘यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का देश है. हम वसुधैव कुटुंबकम की धारणा को लेकर आगे बढ़ने वाले देश हैं. पूरी धरती को अपना परिवार मानने वाले देश में आखिर हम कौन सा समाज विकसित कर रहे हैं.’’
संजय सिंह ने किया मथुरा घटना का जिक्र
उन्होंने मथुरा में दो विदेशी नागरिकों को भी कथित रूप से जबरन जय श्रीराम बोलने के लिये मजबूर करने की घटना का हवाला देते हुये कहा, ‘‘राम हमारे आस्था के प्रतीक हैं. बंदूक की नोंक पर राम के नारे लगवाना कितना उचित है, इस पर विचार करना होगा.’’
उल्लेखनीय है कि हाल ही में गुरुग्राम सहित अन्य स्थानों पर दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ कुछ लोगों द्वारा संप्रदाय के नाम पर कथित तौर पर प्रताड़ित करने की घटनाओं की विपक्षी दलों ने निंदा की है. सिंह ने कहा कि इस प्रकार की घटनायें निंदनीय हैं.
इनपुटः भाषा