डीयू से एम.कॉम करने के बाद उसने 2002 में उसने रियल एस्टेट कंसलटेंट के रूप में द्वारका में काम शुरू किया.
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दिल्ली: सोसाइटी का सदस्य बनाकर फ्लैट देने के नाम पर सात सौ लोगों के साथ सात करोड़ 21 लाख रुपये की ठगी करने वाले एक जालसाज को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने धर दबोचा. इसकी पहचान द्वारका सेक्टर-10 निवासी जय प्रकाश सैनी के तौर पर हुई है. ये कोलकाता में त्रिलोक सिंह सिंधु के फर्जी नाम से रह रहा था. कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया था और तीन वर्ष से वह फरार चल रहा था.
एडिशनल सीपी डॉ.अजीत कुमार सिंघला ने बताया कि 21 जनवरी को सुभाष प्लेस थाने में ठगी का मामला दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता ने बताया कि जय प्रकाश सैनी ने दिल्ली के बख्तावरपुर में वेदांता वेलफेयर सोसाइटी में प्लॉट दिलाने के नाम पर 34 लाख रुपये की ठगी की है. वह लोगों को फंसाने के लिए बताता था कि बख्तावरपुर में उसने सोसाइटी में फ्लैट देने के लिए कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाकर 30 एकड़ जमीन खरीदी है. सोसाइटी का सदस्य बनने वाले लोगों को ही फ्लैट मिलेंगे. सोसाइटी के रजिस्ट्रेशन और जमीन की खरीद के संबंध में उसने फर्जी सेल्स टैक्स के दस्तावेज भी लोगों को दिखाए.
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस के पास इसी मामले से जुड़े 47 और लोग शिकायत लेकर पहुंचे. कुछ ही दिन में इसी तरह से द्वारका में भी लोगों को ठगने का मामला सामने आने के बाद जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई. एसीपी मनोज पंत की टीम को लगातार मामले की जांच करने के दौरान पता चला कि जय प्रकाश सैनी फर्जी नाम से कोलकाता में रह रहा है. पुलिस ने उसे कोलकाता से गिरफ्तार किया.
छानबीन में पता चला है कि डीयू से एम.कॉम करने के बाद उसने 2002 में उसने रियल एस्टेट कंसलटेंट के रूप में द्वारका में काम शुरू किया. 2011 में उसने अपने कुछ जानकारों के साथ मिलकर फ्लैट दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी की योजना बनाई. सोसाइटी में सदस्य बनाने के नाम पर लोगों से ठगी करने के बाद वह और उसके लिए काम करने वाले एजेंट फरार हो गए थे. इस समय वह कोलकाता में रियल एस्टेट कंसलटेंट के रूप में काम करते हुए इसी तरह की ठगी करने के प्रयास में था. फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.