क्या विधानसभा परिसर भी बन सकता है पंजाब और हरियाणा के बीच अनसुलझा मामला
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क्या विधानसभा परिसर भी बन सकता है पंजाब और हरियाणा के बीच अनसुलझा मामला

हरियाणा ने आरोप लगाया है कि विधानसभा परिसर में उसके करीब आधे हिस्से में पंजाब ने कब्जा किया हुआ है.

क्या विधानसभा परिसर भी बन सकता है पंजाब और हरियाणा के बीच अनसुलझा मामला

चंडीगढ़: एसवाईएल, राजधानी चंडीगढ़ और चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसे कई उलझे मुद्दों के बीच पंजाब और हरियाणा में एक और आपसी विवाद जन्म लेता हुआ दिखाई दे रहा है. हरियाणा ने आरोप लगाया है कि विधानसभा परिसर में उसके करीब आधे हिस्से में पंजाब ने कब्जा किया हुआ है. हरियाणा विधानसभा ने पंजाब विधानसभा से विधानसभा परिसर में अपना पूरा हिस्सा दिए जाने की मांग की है. उधर, पंजाब विधानसभा ने हलांकि इस मुद्दे को कमेटी बनाकर रिपोर्ट तैयार करवाने की बात की है लेकिन इस बारे में अपने अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर हरियाणा विधानसभा की मांग को बेबुनियाद बताया है. 

यह मामला हाल ही में उस वक्त प्रकाश में आया जब हरियाणा में नई सरकार बनने के बाद हरियाणा विधानसभा के नए स्पीकर के रूप में ज्ञानचंद गुप्ता चुने गए. उन्होंने इस मामले अधिकारियों से जानकारी हासिल की. स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि बंटवारे के दौरान विधानसभा परिसर का बंटवारा भी पंजाब और हरियाणा के बीच साठ और चालीस के अनुपात में हुआ था. यानी विधानसभा परिसर का साठ फीसदी हिस्सा पंजाब और बाकी चालीस फीसदी हिस्सा हरियाणा को मिला था. स्पीकर गुप्ता के अनुसार हरियाणा बनने के बाद से अभी तक पंजाब हरियाणा विधान सभा परिसर में हरियाणा के बीस फीसदी हिस्से से भी अधिक का इस्तेमाल कर रहा है. 

उन्होंने बताया कि हरियाणा विधानसभा के हिस्से के करीब बीस कमरे पंजाब विधानसभा द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं जबकि हरियाणा विधानसभा के कर्मचारियों और अधिकारियों के पास विधानसभा में बैठने का स्थान कम पड़ गया है. इसी मांग को लेकर हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने हाल ही में पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह से मुलाक़ात की और हरियाणा विधान सभा परिसर में अपना पूरा हिस्सा मांगा. 
 
उधर पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह ने बताया कि उनको पंजाब विधान सभा के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है कि हरियाणा विधानसभा परिसर में अपना पूरा हिस्सा इस्तेमाल कर रहा है. हालांकि स्पीकर राणा केपी सिंह ने यह भी बताया कि उन्होंने दोनों विधान सभाओं के सचिवों को इस मामलों को सुलझाने के लिए कमेटी बनाकर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. स्पीकर राणा केपी सिंह के अनुसार इस रिपोर्ट में जो सामने आएगा उसके लिहाज से आगे की रणनीति तय की जाएगी. 
   
गौरतलब है कि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी है और हरियाणा और पंजाब सचिवालय के साथ साथ दोनों की विधानसभाएं भी एक ही परिसर में हैं. यह मामला फिलहाल अनसुलझा विवाद इसलिए भी बनता दिखाई दे रहा है कि क्यूंकि पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह ने ऐसा आश्वासन देने से गुरेज किया है कि यदि रिपोर्ट में हरियाणा का हिस्सा पंजाब के पास निकला तो उसे हरियाणा को वापस लौटा दिया जाएगा बल्कि स्पीकर केपी सिंह ने यही कहा है कि रिपोर्ट आने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. बहरहाल यदि पंजाब का रुख साकारात्मक नहीं रहता तो एसवाईएल ,राजधानी चंडीगढ़ और इंटरनेशनल एयरपोर्ट चंडीगढ़ की तरह यह मामला भी दोनों राज्यों में अनसुलझा विवाद बन कर लटक सकता है. 

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