रवि ने बताया कि उन्होनें पहले कोर्ट से नास्तिक कहलाने का हक जताया था. इसके बाद उन्होनें स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया था कि उनका नो कास्ट, नो रिलिजन, नो गॉड का प्रमाण बनाया जाए
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टोहाना/ राकेश भायना: हरियाणा के टोहाना के रवि ने खुद के विचार को अपनाते हुए पहले कोर्ट के माध्यम से नास्तिक कहलवाने का अधिकार लिया. अब रवि नास्तिक ने इसमें दो कदम बढ़ा कर धर्म, जाति और भगवान को नकारते हुए खुद के नाम प्रमाण पत्र जारी करवाया है. जिसे जारी करवाने के लिए उसे गहरी मशक्त करनी पड़ी. स्थानीय प्रशासन ने जब इसे नहीं बनाया तो रवि ने उपायुक्त महोदय को इस बारे में गुहार लगाई फरियाद लगाई कि उनके मत के अनुसार उसे नो कास्ट, नो रिलिजन, नो गॉड प्रमाण पत्र जारी करवाया जाए.
रवि ने बताया कि उन्होनें पहले कोर्ट से नास्तिक कहलाने का हक जताया था. इसके बाद उन्होनें स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया था कि उनका नो कास्ट, नो रिलिजन, नो गॉड का प्रमाण बनाया जाए और यह संभवत पहला प्रमाण पत्र है जिसे प्रशासन के माध्यम से हासिल किया गया है. इसका सिरीयल नंबर भी एक ही है. मेरा उददेश्य भी यही है कि धर्म की राजनीति, जात की राजनीति समाप्त हो. राजनेता भी धर्म के नाम पर बुरा बोल रहे हैं.
इस प्रमाण पत्र के बनने पर उन्होनें खुशी जाहिर की है. इसके साथ ही इस चुनावी माहौल में उन्होनें अपील भी की, कि जो राजनेता धर्म के नाम पर, जात के नाम पर लोगों को बांट रहे हैं वो ऐसा ना करें. सबसे पहले इन्सानियत है बाकि तो बाद में है. उन्होंने कहा, युवाओं की सोच को दबाओं मत क्योंकि आने वाला समय युवाओं का है. इन जैसे नेताओं का नहीं. ऐसा चलता रहा तो देश आने वाले समय में टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा.
बता दें कि नास्तिक होने को लेकर शहीद भगत सिंह ने शहादत से पहले मैं नास्तिक क्यो हूं का चर्चित लेख लिखा था. इसके पहले नास्तिक और आस्तिक विचार को लेकर पक्ष रहे हैं पर लिखित में ये लेख आने के बाद युवाओं के एक पक्ष ने इसे अपनाते हुए अपनी अलग राह बनाई थी. आज रवि ने संभवत देश का पहला ये अनोखा प्रमाण पत्र खुद के नाम जारी करवाया है. देखना ये होगा कि उनकी धर्म जाति को ने मानने की अपील का समाज पर क्या असर पड़ता है. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर जब देश चुनावों के दौर से गुरज रहा है ऐसे में रवि का ये कदम चर्चा का विषय बना हुआ है.