रोहतक की बहनों के लिए घोषित बहादुरी पुरस्कार को सरकार ने किया स्थगित
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रोहतक की बहनों के लिए घोषित बहादुरी पुरस्कार को सरकार ने किया स्थगित

बस में कथित रूप से छेड़छाड़ करने वाले युवकों की धुनाई कर सुखिर्यों में आई दो बहनों के लिए घोषित बहादुरी पुरस्कार को आज हरियाणा सरकार ने जांच लंबित रहने तक स्थगित रखने का निर्णय लिया। दरअसल उस घटना के बाद के घटनाक्रम को देखते हुए हरियाणा सरकार ने यह निर्णय लिया। घटना के बाद उसी बस में सवार चार महिला यात्रियों ने दावा किया कि युवक निर्दोष हैं।

चंडीगढ़ : बस में कथित रूप से छेड़छाड़ करने वाले युवकों की धुनाई कर सुखिर्यों में आई दो बहनों के लिए घोषित बहादुरी पुरस्कार को आज हरियाणा सरकार ने जांच लंबित रहने तक स्थगित रखने का निर्णय लिया। दरअसल उस घटना के बाद के घटनाक्रम को देखते हुए हरियाणा सरकार ने यह निर्णय लिया। घटना के बाद उसी बस में सवार चार महिला यात्रियों ने दावा किया कि युवक निर्दोष हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष कार्याधिकारी जवाहर यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन दो बहनों के लिए घोषित पुरस्कार, जो गणतंत्र दिवस पर प्रदान किया जाने वाला था, इस मामले की जांच चलने तक स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिस किसी के विरूद्ध सबूत मिलेगा, उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। लड़कियों द्वारा बस में लड़कों की धुनाई करते हुए वीडियो के सोशल मीडिया पर फैलने और खबरिया चैनलों द्वारा लड़कियों को बहादुर लड़कियां बताए जाने के बाद हरियाणा सरकार ने दोनों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित करने की घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा था कि दोनों लड़कियों ने उन तीन युवकों की हरकत का विरोध कर अदम्य साहस एवं बहादुरी का परिचय दिया, जो रोहतक में हरियाणा रोडवेज की चलती बस में उनसे छेड़खानी की कोशिश कर रहे थे। हालांकि हालात ने उस वक्त एक नया मोड़ ले लिया, जब उसी बस में सफर कर रही लड़कियों के गांव के पास के आसान गांव की रहने वाली चार महिलाओं ने रोहतक के सदन थाने में एक हलफनामा देकर दावा किया कि तीनों लड़के बहनों के साथ छेड़छाड़ में शामिल नहीं थे।कॉलेज जाने वाली इन दोनों बहनों का चलती बस में कथित रूप से छेड़खानी करने वाले इन तीन युवकों से झगड़ा हुआ था। एक लड़की ने युवकों को बेल्ट से भी पीटा था, जबकि उस दौरान अन्य यात्री मूकदर्शक बने रहे थे। इन दोनों लड़कियों के अभिभावकों ने हरियाणा पुलिस में तीनों युवकों- कुलदीप, मोहित और दीपक के विरूद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। तीनों गिरफ्तार किए गए थे और बाद में जमानत पर रिहा कर दिए गए।

पुलिस के अनुसार उनके विरूद्ध धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरदो से हमला या आपराधिक जबर्दस्ती) और धारा 323 (जानबूझकर नुकसान पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। लेकिन इस मामले ने तब नया मोड़ लिया जब इन्हीं लड़कियों के गांव आसन की ही रहने वाली चार महिला सहयात्रियों ने रोहत के सदर थाने में हलफनामा देकर दावा किया कि युवकों ने इन दोनों बहनों से छेड़खानी नहीं की।

एक अन्य वीडियो भी सामने आया, जिसमें दोनों बहनें कथित रूप से छेड़ने पर एक पार्क में एक युवक की पिटाई कर रही हैं। विमला नामक सहयात्री ने कहा कि यह सीट को लेकर लड़ाई थी जिसमें लड़कों ने लड़कियों से कुछ नहीं कहा। बिमला ने कहा कि लड़कों ने लड़कियों को नहीं छेड़ा। उन्होंने कहा कि लड़कियों की मार से बचने के लिए लड़के बस से कूद गए। लड़कियों ने उनका पीछा भी किया। बिमला का कहना था, लड़कों ने तो कोई जवाब तक नहीं दिया। बिना उचित जांच के सरकार का लड़कियों का सम्मान करने का फैसला सही नहीं है, लड़कियों का चाल चलन ठीक नहीं है।

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