जाट आरक्षण आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा, लेकिन फीका-फीका रहा
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जाट आरक्षण आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा, लेकिन फीका-फीका रहा

हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े जाट नेताओं ने आज दूसरे दिन भी धरना दिया लेकिन उसमें लोगों की उपस्थिति कम ही रही। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। रोहतक, हिसार, जींद और सोनीपत जिलों में जाट नेताओं ने आज धरना दिया। लेकिन कल की तरह ही कई जिलों में आज भी जाटों ने कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया।

जाट आरक्षण आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा, लेकिन फीका-फीका रहा

चंडीगढ़: हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े जाट नेताओं ने आज दूसरे दिन भी धरना दिया लेकिन उसमें लोगों की उपस्थिति कम ही रही। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। रोहतक, हिसार, जींद और सोनीपत जिलों में जाट नेताओं ने आज धरना दिया। लेकिन कल की तरह ही कई जिलों में आज भी जाटों ने कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जाटों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर यह कहते हुए संतोष प्रकट किया कि राज्य सरकार ने उनसे इसकी अपील की थी। पंचकूला में एक कार्यक्रम के मौके पर खट्टर ने राज्य के लोगों को धन्यवाद दिया और उनसे शांति बनाए रखने की अपील की। केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों से करीब 20 हजार सुरक्षाकर्मी राष्ट्रीय राजमार्गो, रेलमार्गों समेत राज्य में कड़ी नजर रख रहे हैं। पिछली बार फरवरी में प्रदर्शनकारियों ने राजमार्गों और रेलमार्गों को कई दिनों तक बाधित कर दिया था। हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) रामनिवास ने बताया कि सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ जैसे अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियां राज्य के संवेदनशील जिलों में तैनात की गयी हैं।

रोहतक जिले के जस्सिया गांव में जाट नेताओं ने आंदोलन के दूसरे दौर के तहत धरना दिया। यह गांव पिछले दौर में हिंसा का केंद्र रहा था। दूसरा दौर फीका है क्योंकि प्रभावशाली खाप पंचायतों और कुछ जाट गुटों ने प्रदर्शन से दूरी बना ली है। हरियाणा सर्वखाप जाट पंचायत के प्रवक्ता सूबे सिंह समैन ने रोहतक में संवाददाताओं से कहा, ‘इस बार हमने फैसला किया है कि धरना देने का यह सही समय नहीं है। हमने सरकार से बातचीत की, हमने उसे समय दिया। यह मामला पहले से उच्च न्यायालय के सामने है। हमें सरकार की मंशा पर अनावश्यक संशय नहीं करना चाहिए जिसने हमें आश्वासन दिया है कि वैसे तो आरक्षण विधेयक को चुनौती दी गयी है लेकिन वह उसका बचाव करने का श्रेष्ठ कानूनी प्रयास करेगी।’ पिछली बार फरवरी में जब आंदोलन हुआ था तब सर्वखाप पंचायत सरकारी नौकरियों में जाटों को आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन में आगे रही थी। इस बार यशपाल मलिक की अगुवाई वाले एआईजेएएसएस ने प्रदर्शन के दूसरे दौर का आह्वान किया है।

समैन ने मलिक पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जस्सिया गांव और अन्यत्र के लोगों की अपनी पीड़ा है जिनसे वे फरवरी के आंदोलन के दौरान गुजरे। ये लोग अपने कई रिश्तेदारों खासकर युवकों पर मामला दर्ज किए जाने का भी विरोध कर रहे हैं जिनपर फरवरी आंदोलन के दौरान विभिन्न आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया गया था। ये लोग मानते हैं कि उनमें कई युवक निर्दोष हैं। वे यशपाल मलिक की वजह से प्रदर्शन करने नहीं पहुंचे हैं।’ जाट प्रदर्शनकारी ओबीसी के तहत आरक्षण, पिछले आंदोलन के दौरान जाटों पर दर्ज मामले वापस लिये जाने, मारे गए लोगों को शहीदों का दर्जा दिए जाने, उनके रिश्तेदारों को नौकरी दिये जाने, घायलों को मुआवजा दिये जाने की मांग कर रहे हैं।

फरवरी में आंदोलन से हरियाणा में जनजीवन ठप्प होने, दिल्ली और अन्य राज्यों में जनजीवन प्रभावित के बाद हरियाणा सरकार हाल ही में जाटों और पांच अन्य जातियों को ओबीसी के तहत आरक्षण देने के लिए कानून लायी। लेकिन एक जनहित याचिका दायर होने के बाद उच्च न्यायालय ने उस पर स्थगन लगा दिया । उसके बाद कुछ जाट संगठनों ने नये आंदोलन की घोषणा की। सरकार इस बार पूरी तरह कमर कस चुकी है। आठ जिलों में संवदेनशील स्थानों पर धारा 144 लगायी गयी है।

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