जाट आंदोलन: 70 FIR में नामजद 822 आरोपियों को राहत, हरियाणा सरकार वापस लेगी केस
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जाट आंदोलन: 70 FIR में नामजद 822 आरोपियों को राहत, हरियाणा सरकार वापस लेगी केस

जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 822 लोगों पर दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) को हरियाणा सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है.

हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान आगजनी की तस्वीर. (फाइल)

चंडीगढ़: हरियाणा में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 822 लोगों पर दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) को हरियाणा सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है. यह जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एसएस प्रसाद ने शुक्रवार (9 फरवरी) को दी. जाट आरक्षण आंदोलन में 822 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे, जोकि इस मामले में दर्ज 70 एफआईआर में आरोपी थे.

  1. जाट आरक्षण आंदोलन में 822 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था.
  2. ये सभी 70 एफआईआर में आरोपी थे.
  3. यशपाल मलिक ने कहा, 'सभी झूठे केस बनाए गए थे.'

वहीं, अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा, 'सभी झूठे केस बनाए गए थे, जोकि गलत नामों के खिलाफ दर्ज थे और हमने इसे साबित किया.

 

 

 

आंदोलनकारियों की मांगों में जाटों के लिए आरक्षण, पिछले वर्ष जाट आंदोलन में हुई हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के रिश्तेदारों को नौकरी, उनके खिलाफ दायर मामले वापस लेने और जाटों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने संबंधित मांगें शामिल हैं. 2016 में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हो गए थे. फरवरी 2016 में हुई हिंसा के दौरान करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी और निजी संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी.

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