इस साल जून में ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) ने घोषणा की थी कि वह 16 अगस्त से धरना देगी.
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चंडीगढ़: हरियाणा में जाटों ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण लागू की मांग और 2016 के आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लेने को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके मंत्रियों के सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की योजना बनायी है. इस साल जून में ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) ने घोषणा की थी कि वह 16 अगस्त से धरना देगी. एआईजेएएसएस के सदस्यों ने दावा किया कि खट्टर ने 45 मामलों को छोड़कर उन्हें जाट नेताओं के विरुद्ध दर्ज सभी मामले वापस लेने का आश्वासन दिया था.
लेकिन बाद में सरकार अपने वादे से पीछे हट गयी. समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि अब समय सीमा खत्म हो जाने के बाद जाटों ने नौ जिलों- सोनीपत, रोहतक, हिसार, पानीपत, जींद, कैथल, दादरी, भिवानी और झज्जर में मुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि बाद में इस प्रदर्शन का अन्य छह जिलों में विस्तार किया जाएगा. भाजपा नीत हरियाणा सराकर पर जाटों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए मलिक ने कहा, ‘‘हमने उन्हें पर्याप्त समय दिया , हम कई महीनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं और धरना दे रहे हैं.
लेकिन सरकार हमारी मांगे पूरी करने में विफल रही जबकि इन्हें उसने खुद ही पिछले दौर की वार्ता में मान लिया था. अब हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है. चूंकि नयी समयसीमा भी खत्म हो चुकी है, हम अब प्रदर्शन करेंगे.’’ इस बीच पिछले हफ्ते एक उच्च स्तरीय बैठक में पुलिस महानिदेशक बी एस संधू ने कहा था कि सभी संभागीय आयुक्त और पुलिस अधीक्षक सुरक्षा इंतजामों पर नजर रखेंगे. उन्होंने कहा था कि किसी को भी कानून व्यवस्था में खलल नहीं डालने दिया जाएगा. ऐसा करने वाले के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इनपुट भाषा से भी