कर्नाटक का सत्‍ता संग्राम : जानिए Supreme Court में आधी रात को क्या हुआ
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कर्नाटक का सत्‍ता संग्राम : जानिए Supreme Court में आधी रात को क्या हुआ

कर्नाटक मामले की सुनवाई के लिए 3 जजों की बेंच बनाई गई, जिसमें जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस अशोक भूषण शामिल थे. राज्यपाल के फैसले के बाद कांग्रेस ने फैसले को संविधान का अपमान बताया.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गुरुवार को येदियुरप्पा सीएम पद की शपथ ग्रहण करेंगे. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: कर्नाटक का सत्‍ता संग्राम सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. कर्नाटक में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है और बुधवार रात 9 बजे राज्यपाल वजूभाई ने बीएस येदियुरप्पा को गुरुवार (17 मई) की सुबह 9 बजे शपथग्रहण का न्योता दे दिया. येदियुरप्पा के शपथग्रहण की खबर के बाद से ही कांग्रेस रात में ही सुप्रीम कोर्ट पहुंची और मामले की जल्द सुनवाई करने की मांग की. रजिस्ट्रार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और उन्‍होंने कांग्रेस और जेडीएस की याचिका की जांच की और फिर चीफ़ जस्टिस  के पास पहुंचे. रात करीब 1 बजे तय हुआ कि रात में ही सुनवाई होगी. तीन घंटे चली सुनवाई के बाद हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण नहीं रोका जाएगा. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने बीजेपी से बहुमत साबित करने के लिए विधायकों के हस्‍ताक्षर वाला पत्र मांगा है. कांग्रेस और जेडीएस ने अपना समर्थन पत्र याचिका के साथ दाखिल किया था. अब मामले की सुनवाई शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे होगी.

  1. येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण का रास्ता साफ
  2. सुप्रीम कोर्ट का शपथ पर रोक से इनकार
  3. गुरुवार को सुबह 9 बजे शपथ लेंगे सीएम

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रात 11 बजे कांग्रेस नेता पहुंचें सुप्रीम कोर्ट

राज्यपाल के फैसले के खिलाफ रात 11 बजे कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और अर्जी दाखिल की. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रात में ही सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खोलने की अपील की.

बुधवार देर रात 12:00 बजे रजिस्ट्रार पहुंचा
बुधवार (16 मई) की आधी रात को कांग्रेस और जेडीएस की अर्जी लेकर रजिस्ट्रार CJI दीपक मिश्रा के घर पहुंचे. इस बीच अभिषेक मनु सिंघवी भी CJI के घर के बाहर पहुंच गए. CJI ने तीन जज की बेंच को सुनवाई का जिम्मा दिया और कोर्ट रूम नंबर 6 में सुनवाई का फैसला किया गया. 

रात 2 बजकर 11 मिनट पर शुरू हुई बहस 
इस सारे ड्रामे के बाद बुधवार (16 मई) देर रात 2 बजकर 11 मिनट पर बहस शुरू हुई. कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी की तरह से मुकुल रोहतगी ने दलील देनी शुरू की. 

कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
कोर्ट ने कर्नाटक में येदियुरप्पा की शपथ ग्रहण समारोह को रोकने के लिए दी गई कांग्रेस की तैयारियों पर भी बड़ा सवाल खड़ा किया. अदालत ने अभिषेक मनु सिंधवी से कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी दिखाने को कहा, लेकिन अभिषेक के पास वो चिट्ठी नहीं थी, जिसपर अदालत ने कहा, कि बिना चिट्ठी कांग्रेस-जेडीएस की दलील कैसे सुनी जा सकती है. अदालत ने तय वक्त से ज्यादा बहस करने पर अभिषेक मनु सिंघवी को बहस करने से भी रोक दिया. 

रात 3.23 बजे तक कांग्रेस ने की बहस
अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में 1 घंटे से ज्यादा बहस की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा वो तय समय से ज्यादा बहस कर चुके हैं और उन्हें दलील खत्म करनी चाहिए. सिंघवी ने दावा किया कि उनके पास पूरा समर्थन है और राज्यपाल ने असैंवाधिनक तरीके से फैसला दिया है. 

रात 3:59 बजे वरिष्ठ वकील बोले
अभिषेक मनु सिंघवी की दलील खत्म होने के बाद देर रात 3:59 बीजेपी के तरफ से मुकुल रोहतगी ने कहा कि शपथ दिलाना गर्वनर की ड्यूटी है. सुबह 04:01 मिनट पर मुकुल रहतोगी ने मांग की कि कांग्रेस की याचिका कोर्ट में खारिज हो. 

सुबह 4:02 दोनों पक्षों की दलील हुई खत्म
सुप्रीम कोर्ट में करीब 1 घंटे 50 मिनट बाद दोनों पक्षों की तरफ से दलील खत्म हुई. पहले कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी और इसके बाद बीजेपी की तरफ से मुकुल रोहतगी और सरकार की तरफ वेणुगोपाल ने दलील खत्म दी.

सुबह 04:20 पर कोर्ट ने दिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि येदियुरप्पा की शपथ को नहीं रोका जाएगा. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की तीन जज की बेंच ने फैसला दिया. 

कांग्रेस ने फैसले को बताया 'संविधान का अपमान'
कर्नाटक मामले की सुनवाई के लिए 3 जजों की बेंच बनाई गई, जिसमें जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस अशोक भूषण शामिल थे. आपको बता दें कि राज्यपाल के फैसले के बाद कांग्रेस ने फैसले को संविधान का अपमान बताया.

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