किडनी रैकेट: पुलिस जयपुर, जम्मू और नागपुर भेजेगी अपने दल
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किडनी रैकेट: पुलिस जयपुर, जम्मू और नागपुर भेजेगी अपने दल

अपोलो हॉस्पिटल के किडनी रैकेट मामले में पहले किडनी प्राप्त करने वाले की गिरफ्तारी के बाद और इस मामले में संलिप्त चार अन्य व्यक्तियों की पहचान सामने आने के बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए अपनी टीम जयपुर, जम्मू और नागपुर रवाना करेगी।

नयी दिल्ली: अपोलो हॉस्पिटल के किडनी रैकेट मामले में पहले किडनी प्राप्त करने वाले की गिरफ्तारी के बाद और इस मामले में संलिप्त चार अन्य व्यक्तियों की पहचान सामने आने के बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए अपनी टीम जयपुर, जम्मू और नागपुर रवाना करेगी।

रैकेट के मार्फत किडनी हासिल करने वाला व्यक्ति नागपुर का कारोबारी है और ऐसा माना जाता है कि अपनी और अपने परिवार वालों के उसे अन्य सदस्यों के किडनी प्रतिरोपण के बाद भयंकर वित्तीय संकट में है। अधिकारिक जांच में खुलासा हुआ है कि जम्मू और जयपुर के किडनी हासिल करने वाले व्यक्ति छोटे कारोबारी हैं।

अधिकारी ने बताया कि किडनी प्राप्त करने वाले गाजियाबाद के 22 वर्षीय व्यक्ति की पहचान आशुतोष के रूप में हुई है। वह दिल्ली जलबोर्ड के कनष्ठि अभियंता का पुत्र है। उसे गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। एक अन्य व्यक्ति ने स्वयं को गाजियाबाद का निवासी बताने के लिए फर्जी कागजात पेश किये थे, उसके बारे में पता चला कि वह दिल्ली का निवासी है।

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी सभी चार लोग अपने-अपने घरों से भागे हुए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस की एक टीम दिल्ली में किडनी हासिल करने वाले पर नजर रख हुए है। उन्होंने बताया कि अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम जल्दी ही नागपुर, जम्मू और जयपुर रवाना की जायेगी। 

दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त एम एस रंधावा ने कहा, ‘पहले पांच मामलों में किडनी हासिल करने वालों की पहचान हो गयी है। हमें अन्य पांच लोगों के बारे में भी सुराग मिले हैं लेकिन अभी उनकी पहचान की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। पुलिस ने अभी तक इस मामले में बिचौलियों, वरिष्ठ चिकित्सकों के सहायकों, किडनी दान करने वालों और इस रैकेट के मुखिया राजकुमार राव समेत कुल 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।

उल्लेखनीय है कि अपोलो अस्पताल में किडनी प्रतिरोपित कराने के 10 मामलों में जांच की जा रही है। इसके अलावा दो अलग मामले भी दर्ज किये गये हैं लेकिन अभी तक किसी वरिष्ठ चिकित्सक से इस मामले में कोई पूछताछ नहीं की गयी है। बहरहाल, तीन चिकित्सकों पर पुलिस की नजर है।

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