चंडीगढ़/मुंबई/नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 (Haryana Assembly Elections 2019) और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Elections 2019) अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका है. आज (24 अक्टूबर) सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती (Maharashtra-Haryana Election Result 2019) शुरू होगी. चुनाव आयोग ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. वहीं मतगणना से जुड़ी सही और सटीक जानकारी आप तक पहुंचाने के लिए ZEE न्यूज भी तैयार है. आपको इधर-उधर कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है. आप ZEE न्यूज को टीवी पर देख सकते हैं. इसके अलावा आप वेबसाइट, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर भी ZEE न्यूज महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव रिजल्ट से जुड़े सारे अपडेट्स देता रहेगा. हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के लिए 21 अक्टूबर को वोट डाले गए थे.
हरियाणा में विधानसभा के 90 सदस्यों के चुनाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ियों और कुछ स्थानों पर मामूली झड़पों के बीच 1.83 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं में से 62 फीसदी ने मतदान किया. हरियाणा में करीब 62 फीसदी वोटिंग हुई. वहीं महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों पर करीब 58.61 फीसदी वोटिंग हुई है.
हरियाणा में BJP-कांग्रेस में कांटे की टक्कर: एक्जिट पोल
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न न्यूज चैनलों और सर्वे एजेंसियों की ओर से जारी एक्जिट पोल में अलग-अलग तरह के परिणाम आने का अनुमान जताया गया है. ज्यादातर सर्वे एजेंसियों ने सीधे-सीधे बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने का अनुमान लगाया है, वहीं आजतक और एक्सिस माई इंडिया की ओर से जारी एक्जिट पोल हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार के लिए बुरा संकेत दे रहा. अगर एक्जिट पोल सच साबित हुआ तो हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति होगी. ऐसे में इनेलो टूटकर बनी दुष्यंत चौटाला की जनता जननायक पार्टी(जेजेपी) किंगमेकर बन सकती है. आजतक-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल ने भाजपा को कुल 90 में से 32-44 सीटें दी हैं, वहीं कांग्रेस को 30 से 42 सीटें मिलने का अनुमान है.
लाइव टीवी देखें-:
गौरतलब है कि 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सर्वाधिक 47 सीटें मिलीं थीं, वहीं कांग्रेस को 15 सीटों से संतोष करना पड़ा था, जबकि इनेलो को 19, हरियाणा जनहित कांग्रेस को दो, निर्दलीय एवं अन्य को सात सीटें मिलीं थीं. राज्य में तब मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा ने बहुमत से सरकार बनाई थी.
महाराष्ट्र में NDA की जीत का अनुमान
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर जारी एक्जिट पोल में सीधे तौर से बीजेपी+शिवसेना के गठबंधन वाले एनडीए को जीत मिलने का अनुमान जताया गया है. अलग-अलग सर्वे में NDA के जीत के अंतर को बढ़ाया गया घटाया गया है. साल 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा की 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में BJP 123 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. BJP ने पहली बार महाराष्ट्र में इतनी सीटें हासिल की थीं. वहीं, कांग्रेस को 42 सीटों से संतोष करना पड़ा था. शिवसेना 63 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी. शरद पवार की रांकपा को 41 सीटें मिली थीं.
रिजल्ट तय करेंगे खट्टर और फडणवीस का कद
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रिजल्ट मुख्यमंत्रियों मनोहर लाल खट्टर और देवेंद्र फडणवीस का कद तय करेंगे. अगर दोनों राज्यों में पिछली बार से ज्यादा सीटें आईं तो मुख्यमंत्रियों का पार्टी में कद बढ़ेगा, वहीं अगर सीटों का नुकसान हुआ तो पार्टी के अंदरखाने दोनों के नेतृत्व पर भी सवाल उठ सकते हैं. भाजपा सूत्रों का कहना है कि चुनाव से पहले ही इस बात से खट्टर और फडणवीस दोनों भलीभांति वाकिफ रहे, यही वजह है कि उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी. चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही सभी सीटों से गुजरने वाली यात्राएं कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया.
दरअसल, 2014 के विधानसभा चुनाव में दोनों राज्यों में पार्टी ने कोई स्थानीय चेहरा तय किए बगैर ही चुनाव लड़ा था. मई में तब मोदी सरकार सत्ता में आई थी. भाजपा के पक्ष में तेज लहर चल रही थी, उसी मोमेंटम में करीब पांच महीने बाद ही अक्टूबर में दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए और भाजपा ने लोकसभा चुनाव में जीत की लय बरकरार रखी.
हरियाणा में 47 सीटें जीतकर पार्टी ने अपने दम पर सरकार बनाई थी तो महाराष्ट्र में सर्वाधिक 122 सीटें जीतने के बाद भी बहुमत से दूर रहने पर शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनाना पड़ा था.
भाजपा ने दोनों राज्यों का विधानसभा चुनाव तब प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़ा था. नतीजे घोषित होने के बाद पार्टी ने हरियाणा में गैर जाट मनोहर लाल खट्टर और महाराष्ट्र में गैर मराठा ब्राह्मण चेहरे फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंका दिया था. मगर इस बार पार्टी ने हरियाणा और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के चेहरे को ही आगे कर चुनाव लड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह राज्यों की हर चुनावी रैली में मुख्यमंत्रियों का गुणगान करते रहे.
भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अगर हरियाणा में पार्टी की इस बार 47 से ज्यादा सीटें आईं और महाराष्ट्र में पिछली बार की 122 से ज्यादा सीटें आईं तो तब तो माना जाएगा कि दोनों चेहरे चुनाव में चल गए और अगर इससे कम सीटें आईं तो माना जाएगा कि पार्टी की अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरे नहीं उतरे. वहीं पार्टी के अंदर मौजूद दोनों मुख्यमंत्रियों का विरोधी धड़ा भी नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े कर सकता है.
भाजपा के एक नेता ने आईएएनएस से कहा, "यह सच है कि धमाकेदार जीत जरूर दोनों मुख्यमंत्रियों का कद बढ़ाएगी, मगर पिछली बार से कम सीटें आने की बात करना ही बेकार है. हरियाणा में खट्टर और महाराष्ट्र में फडणवीस ने राजनीति की पुरानी मान्यताओं को ध्वस्त करते हुए विकास का नया मॉडल खड़ा किया है. यही वजह है कि पार्टी ने उनके चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ा. जनता वोट देते समय मोदी का चेहरा देखती है. दोनों राज्यों में बहुमत की सरकार बनने जा रही है."
चुनाव नतीजों पर टीवी चर्चा में भाग नहीं लेगी कांग्रेस
कांग्रेस ने गुरुवार को आने वाले हरियाणा व महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजों से जुड़ी टीवी बहसों के बहिष्कार का फैसला किया है. हालांकि, पार्टी नेता व्यक्तिगत स्तर पर, जहां कोई पैनल नहीं होगा, साक्षात्कार देने के लिए उपलब्ध रहेंगे. कांग्रेस का यह बहिष्कार मई में आम चुनाव के नतीजों के आने के बाद टीवी बहसों में पार्टी प्रवक्ताओं को नहीं भेजने की रणनीति का हिस्सा है. इस चुनाव में कांग्रेस की बेहद करारी हार हुई थी. पार्टी ने टीवी में होने वाली बहसों के 'खराब स्तर और इनके सांप्रदायिक व एकपक्षीय' होने का आरोप लगाते हुए इनका बहिष्कार किया हुआ है. पार्टी प्रवक्ता पार्टी मुख्यालयों पर मीडिया के लिए उपलब्ध रहेंगे.