कमाता था 65 हजार रुपये, JNU से की थी पढ़ाई, फिर एक ही रात क्यों रेत दिया पत्नी और बच्चों का गला?
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कमाता था 65 हजार रुपये, JNU से की थी पढ़ाई, फिर एक ही रात क्यों रेत दिया पत्नी और बच्चों का गला?

पेशे से टीचर आरोपी उपेंद्र की कमाई भी अच्छी थी. जानकारी के मुताबिक, वह स्कूल और ट्यूशन से हर महीने लगभग 65 हजार रुपये कमाता था.

मनोचिकित्सकों का कहना है कि डिप्रेशन के आखिरी चरण में लोगों को इस बात की खबर नहीं रहती है कि वह क्या कर रहे हैं और किसके साथ कर रहे हैं.
मनोचिकित्सकों का कहना है कि डिप्रेशन के आखिरी चरण में लोगों को इस बात की खबर नहीं रहती है कि वह क्या कर रहे हैं और किसके साथ कर रहे हैं.

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के महरौली इलाके में एक स्कूल टीचर द्वारा पत्नी और बच्चों को देर रात जहर पिलाने और फिर उन्हें चाकू से गोंदकर मौत के घाट उतारने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैली हुई है. स्थानीय लोगों को इस बात पर यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि आखिरकार कैसे एक पिता अपने मासूमों को मौत की नींद सुला सकता है. बच्चों और पत्नी को मौत के घाट उतारने के बाद शख्स द्वारा एक नोट लिखा गया है, जिसमें लिखा गया है कि वह डिप्रेशन का शिकार था, जिसके कारण उसने यह खौफनाक कदम उठाया. 

अच्छी थी कमाई
पेशे से टीचर आरोपी उपेंद्र की कमाई भी अच्छी थी. जानकारी के मुताबिक, वह स्कूल और ट्यूशन से हर महीने लगभग 65 हजार रुपये कमाता था. शनिवार सुबह सास ने देखा कि उपेंद्र दरवाजा नहीं खोल रहा है, कई बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब उपेंद्र ने गेट नहीं खोला तो सास ने पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी और उनकी मदद से 100 नंबर पुलिस को कॉल की. पुलिस ने मौके पर पहुच कर गेट खुलवाया, जहां कमरे में 4 लाशें पड़ी हुई थीं.

तो आखिर क्या है एक सामान्य इंसान से हत्यारे बनने के पीछे के कारण आइए जानते हैं वो वजहें...

  • डॉक्टरों की मानें तो डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं. डिप्रेशन की शुरुआत सामान्य तौर पर होती है, जो दिनों-दिन गहराती जाती है. इससे व्यक्ति धीरे-धीरे मानसिक रोगी बन जाता है.
  • मनोचिकित्सकों का कहना है कि डिप्रेशन के आखिरी चरण में लोगों को इस बात की खबर नहीं रहती है कि वह क्या कर रहे हैं और किसके साथ कर रहे हैं. 
  • डिप्रेशन के सामान्य स्तर से ज्यादा बढ़ने पर व्यक्ति के दिमाग में कई तरह की बातें चलने लगती हैं. इससे उसका मस्तिष्क उलझा हुआ बन जाता है. इससे व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता कम होने लगती है.

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