रूहानियत लिए आ रही है गजलों की महफिल, 'मेरे अल्फाज मेरी आवाज'
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रूहानियत लिए आ रही है गजलों की महफिल, 'मेरे अल्फाज मेरी आवाज'

लाइव कॉन्सर्ट 'मेरे अल्फाज मेरी आवाज', शुक्रवार, 2 नवंबर की शाम 6 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा

रूहानियत लिए आ रही है गजलों की महफिल, 'मेरे अल्फाज मेरी आवाज'

नई दिल्ली. जहां दिल्ली के मौसम को थोड़ा खुशनुमा बनाने के लिए आ रही हैं कुछ रूहानी गजलें. शुक्रवार शाम होने जा रहे इस कार्यक्रम में प्रोफेसर मीनू बख़्शी की सुरीली आवाज में उनकी ही लिखी नज्में सुनने का मौका मिलेगा. यह कार्यक्रम है 'मेरे अल्फाज मेरी आवाज'. शुक्रवार को इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में होने वाला यह कार्यक्रम कई मायनों में अलग है. 

बेगम अख्तर और नूर जहां की गजलें भी 
इस कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए मीनू बताती हैं कि यहां वह ज्यादातर तो खुद की लिखी नज्में सुनने वाली हैं, जैसे कि कॉन्सर्ट का नाम है 'मेरे अल्फाज मेरी आवाज'. लेकिन इसके साथ ही वह उन शायराओं की गजलें भी यहां सुनने वाली हैं जिन्होंने मीनू के जीवन पर प्रभाव डाला है. इन शायराओं में बेगम अख्तर, नूर जहां, मल्लिका पुखराज, फरीदा खानम के नाम शुमार हैं. तो इस तरह से यह लाइव कॉन्सर्ट कुछ ज्यादा ही खास हो जाएगा. 

कब है कार्यक्रम 
यह लाइव कॉन्सर्ट 'मेरे अल्फाज मेरी आवाज', शुक्रवार, 2 नवंबर की शाम 6 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा. कार्यक्रम नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित इंडिया इस्लामिक सेंटर में आयोजित है.   

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कौन हैं मीनू बख़्शी
बता दें कि प्रोफेसर मीनू बख़्शी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में स्पेनिश भाषा की प्रोफेसर हैं, इसके साथ ही वह उर्दू की जानी मानी नज्मकार हैं. इसके अलावा मीनू को उनके बेहतरीन शास्त्रीय गायन के लिए भी जाना जाता है. 

ये करेंगे संगत 
इस कॉन्सर्ट में मीनू की संगत के साथ संगत पर भी बेहतरीन कलाकार होंगे. जिनमें हारमोनियम पर उस्ताद एजाज खान, सारंगी पर उस्ताद कमाल खान, तबले पर गुलाब साबिर, गिटार पर अब्दुल हुसैन होंगे. 

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