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नई दिल्ली : यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि नोएडा, गाजियाबाद, सोनीपत और फरीदाबाद में बिना जीपीएस के चल रहे ऑटोरिक्शाओं को राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा।
सरकार हरियाणा और उत्तर प्रदेश में प्रत्येक राज्य के 2,750 ऑटो रिक्शा को परमिट जारी करेगी। यह परमिट उन्हें दिल्ली की सड़कों पर ऑटो चलाने की अनुमति देगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘यात्रियों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हम एनसीआर के उन ऑटोरिक्शा को राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर चलने नहीं देंगे, जिनमें जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) नहीं लगा है।’
अधिकारी ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर चलने के लिए एनसीआर शहरों के ऑटो में इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगे होने चाहिए। दिल्ली में ऑटो चलाने के लिए यह अनिवार्य है। इसके साथ ही किराए की संरचना भी एक जैसी होनी चाहिए।
16 दिसंबर को दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार के बाद, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने शहर के ऑटोरिक्शाओं में जीपीएस लगवाना अनिवार्य कर दिया था। अधिकारी ने कहा, ‘नोएडा, गाजियाबाद, सोनीपत और फरीदाबाद के ऑटो रिक्शा को वे सभी अर्हताएं पूरी करनी होंगी, जिनका पालन दिल्ली के ऑटो रिक्शा को यहां चलने के लिए करना होता है। इन ऑटो रिक्शा को विशेष ‘कलर कोड’ रंग और लोगो (प्रतीक चिह्न) दिया जाएगा ताकि इनकी आसानी से पहचान की जा सके।’
एनसीआर के ऑटो को परमिट मिल जाने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उन निवासियों को एक बड़ी राहत मिलेगी, जो राष्ट्रीय राजधानी में काम करते हैं। इन लोगों को दिल्ली के पंजीकृत ऑटो को बॉर्डर पर ही छोड़ना पड़ता है और फिर अपने ठिकाने तक पहुंचने के लिए एक दूसरा ऑटो लेना पड़ता है।
इसी बीच, दिल्ली ऑटो रिक्शा संघों ने एनसीआर परमिट जारी करने के सरकार के फैसले का विरोध करते हुए दावा किया है कि इससे दिल्ली में अपराध की दर बढ़ जाएगी। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा, ‘हम उत्तरप्रदेश और हरियाणा के ऑटोरिक्शाओं को एनसीआर परमिट जारी करने के खिलाफ हैं क्योंकि इससे राष्ट्रीय राजधानी की यातायात व्यवस्था चरमरा जाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए, दिल्ली की सीमा के पार चल रहा कोई ऑटो अब कनॉट प्लेस और दिल्ली के दूसरे वीआईपी इलाकों में जा सकता है। इससे अपराध दर में वृद्धि हो सकती है और पुलिस के लिए यह पता लगाना बहुत मुश्किल होगा कि कौन सा चालक अपराध में शामिल है।’