पीठ ने शहर में स्कूलों और कॉलेजों की स्पष्ट संख्या के बारे में बताने में आप सरकार की असमर्थता पर आश्चर्य जताया.
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने बुधवार को स्कूलों और कॉलेजों में वर्षाजल संरक्षण प्रणाली नहीं लगाने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को सभी दस्तावेजों के साथ तलब किया.
न्यायमूर्ति रघुवेंद्र एस राठौड़ और विशेषज्ञ सदस्य एस एस गारबियल की पीठ ने शहर में स्कूलों और कॉलेजों की स्पष्ट संख्या के बारे में बताने में आप सरकार की असमर्थता पर आश्चर्य जताया.
पीठ ने कहा,‘आपने (दिल्ली सरकार) वर्षाजल संरक्षण प्रणाली लगाने के लिए क्या कदम उठाए हैं? अधिकरण ने 16 नवंबर 2017 को आदेश पारित किया और आपसे दो महीने में यह अभियान पूरा करने को कहा था. दिखाइए कि आपने क्या कदम उठाए?’
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि 1600 निजी स्कूलों में से 901 ने यह प्रणाली लगाई है जबकि 699 अभी बचे हैं और 742 सरकारी स्कूलों में से केवल 528 ने यह प्रणाली लगाई है.
जब पीठ ने शहर में वित्तपोषित तथा गैर-वित्तपोषित स्कूलों की संख्या के बारे में पूछा तो वकील जानकारी नहीं दे पाए. जब पीठ ने इस काम में देरी का कारण पूछा तो वकील ने अधिकरण से कहा कि काम जारी है और निविदाएं जारी हुई हैं.
एनजीटी ने शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को 30 जनवरी को सुनवाई की अगली तारीख पर उसके सामने उपस्थित होने का निर्देश दिया.
(इनपुट - भाषा)