निर्भया डॉक्यूमेंट्री: हाईकोर्ट की टिप्‍पणी- मीडिया ट्रायल जजों को प्रभावित करने की प्रवृत्ति
Advertisement

निर्भया डॉक्यूमेंट्री: हाईकोर्ट की टिप्‍पणी- मीडिया ट्रायल जजों को प्रभावित करने की प्रवृत्ति

दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर सामूहिक दुष्कर्म मामले में विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर टिप्पणी करते हुए गुरुवार को कहा कि मीडिया ट्रायल के जरिए दबाव बनाना न्यायाधीशों को प्रभावित करने की प्रवृति है। न्यायमूर्ति बीडी अहमद और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा कि हालांकि वह प्रथमदृष्टया डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के खिलाफ नही है, लेकिन उच्चतम न्यायालय की ओर से मामले में दोषियों की अपीलों पर सुनवाई के बाद ही यह रिलीज होनी चाहिए थी।

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर सामूहिक दुष्कर्म मामले में विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर टिप्पणी करते हुए गुरुवार को कहा कि मीडिया ट्रायल के जरिए दबाव बनाना न्यायाधीशों को प्रभावित करने की प्रवृति है। न्यायमूर्ति बीडी अहमद और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा कि हालांकि वह प्रथमदृष्टया डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के खिलाफ नही है, लेकिन उच्चतम न्यायालय की ओर से मामले में दोषियों की अपीलों पर सुनवाई के बाद ही यह रिलीज होनी चाहिए थी।

पीठ का मानना है कि डॉक्यूमेंट्री न्याय प्रणाली में दखलंदाजी कर सकती है लेकिन उसने यह कहते हुए कोई अंतरिम आदेश देने से इंकार कर दिया कि मुख्य न्यायाधीश की उपयुक्त पीठ ही इस बारे में फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि प्रथमदृष्टया, हम डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन ऐसा उच्चतम न्यायालय में अपीलों पर फैसले के बाद होना चाहिए था। अदालत ने मामले की सुनवाई 18 मार्च तय करते हुए कहा कि अगर आपने इसे हमारे सामने पेश किया होता तो हम आपसे कहते कि हमारे सामने तथ्यों को रखिए कि क्यों प्रतिबंध हटाया जाए। लेकिन, यह मुख्य न्यायाधीश के रोस्टर बेंच की तरफ से आया है इसलिए हम इस पर कोई आदेश नहीं देंगे। रोस्टर बेंच को ही फैसला करने दीजिए।

Trending news