कटारा मामला: कोर्ट का विकास के पैरोल के आवेदन पर जल्द सुनवाई से इंकार
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कटारा मामला: कोर्ट का विकास के पैरोल के आवेदन पर जल्द सुनवाई से इंकार

दिल्ली उच्च न्यायालय शुक्रवार को नीतीश कटारा हत्याकांड के मामले में 30 साल जेल की सजा काट रहे विकास यादव की ओर से पैरोल के लिए दायर याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इंकार कर दिया।

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय शुक्रवार को नीतीश कटारा हत्याकांड के मामले में 30 साल जेल की सजा काट रहे विकास यादव की ओर से पैरोल के लिए दायर याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इंकार कर दिया।

न्यायमूर्ति एके पाठक ने याचिका पर जल्दी सुनवाई करने से इंकार कर दिया, जबकि विकास के वकील सुमित वर्मा ने दलील दी थी कि उनका मुवक्किल ‘पीड़ा झेल रहा है’ क्योंकि अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) के तहत उसके अधिकार का हनन हो रहा है।

अदालत ने इस दलील को ठुकरा दिया और सवाल किया कि क्या वह आपराधिक मामले में अनुच्छेद 14 की दलील दे सकते है और वह (विकास) कैसे पीड़ा झेल रहा है। अदालत के सवाल पर वर्मा ने कहा कि विकास के साथ दूसरे दोषियों के समान व्यवहार नहीं हुआ और उसकी याचिका अगस्त, 2014 से लंबित है।

इस दलील को भी खारिज करते हुए अदालत ने कहा, ‘एक साल या एक महीने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। चाहे आप :दोषी: खुश हों या नाराज, मैं तिथि को पहले नहीं लाउंगा।’ न्यायाधीश ने कहा कि मामले पर आगामी 17 मार्च को सुनवाई होगी।

उत्तर प्रदेश के नेता डीपी यादव का बेटा विकास ने इस आधार पर तीन महीने के पैरोल की मांग की है कि वह अपने 93 वर्षीय दादा से मिलना चाहता है जिनकी एंजियोप्लास्टी हुई है।

विकास ने कहा कि वह बीते 13 वर्षों से जेल में है और इस दौरान उसका व्यवहार अच्छा रहा है। उसने यह भी कहा कि वह उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देना चाहता है और ऐसे में अपील की तैयार के लिए समय की जरूरत है।

 

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