दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और NGO 'साथी' की पहल से पिछले 4 साल में तब 3000 लापता बच्चे अपने परिवार के पास सकुशल पहुंच चुके है.
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और NGO 'साथी' की पहल से पिछले 4 साल में तब 3000 लापता बच्चे अपने परिवार के पास सकुशल पहुंच चुके है. ग्रह मंत्रालय के आदेश पर पिछले चार साल से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और NGO साथी मिलकर देश के अलग - अलग राज्यों से अपने घरों से भागकर या बुरी लत का शिकार होकर दिल्ली आए करीब 3000 नाबालिग बच्चों को अपने परिवार से मिलवाने में सफल हुई है.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय ट्रिकी ने ज़ी न्यूज़ को बताया..ग्रह मंत्रालय के आदेश पर ऑपरेशन मिलाप कार्यक्रम के तहत हम गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलाते हैं.
एसीपी सुरेंद्र कुमार गुलिया की टीम, बिहार,यूपी, बंगाल, झरखंड, उड़ीसा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और कई अलग अलग राज्यों से अपने घरों से भागकर या बुरी लत का शिकार होकर दिल्ली भगाकर आए नाबालिग बच्चों को क्राइम ब्रांच दिल्ली के रेलवे स्टेशनों बस अड्डों बाजारों से खोजकर NGO की मदद से उनकी काउंसलिंग करती है.. फिर उन बच्चों के घर का पता लागकर उन परिवार से अपने अपने बच्चों को मिलवाया जाता है..
जब हमने बच्चों से बात की तो कई बच्चे ऐसे मिले जो अपने घर से छोटी-छोटी बातों से नाराज़ होकर भगाकर आ गए.. जिसमे पढ़ाई का दवाब, घर वालों का गुस्सा.घर मे झगड़ा होना ऐसे तमाम बातें थी जिससे परेशान होकर बच्चे घर से भाग आए..वहीं बच्चों के परिवार वालों अपने बच्चों से मिलकर दिल्ली पुलिस का धन्यवाद कर रहे हैं..
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के साथ काम करने वाली एनजीओ 'साथी' की कॉर्डिनेटर प्रियंका ने ज़ी न्यूज़ को बताया की हम पुलिस के साथ मिलकर काम करते हैं और बच्चों की काउंसलिंग के बाद उनके घर वालों से मिलाते हैं..ये काम करके बहुत गर्व महसूस होता है
ऑपरेशन मिलाप के तहत साल 2016 में करीब 1100, 2017 में करीब 613 बच्चे वहीं 2018 में 708 और साल 2019 में अब तक 610 लापता बच्चों को ऑपरेशन मिलाप के जरिये उनके घर पहुँचाया गया है..बाल दिवस के मौके पर क्राइम ब्रांच के दफ्तर मे दर्जनों बच्चों को लेने उनके माता पिता अलग - अलग राज्यों से दिल्ली पहुचे जहां वो अपने बच्चों से मिलकर बहुत खुश है। वही बच्चे भी घर वापसी ओर पुलिस को थैंक्स बोल रहे हैं..