पंचकूला हिंसा : सबूतों के अभाव में डेरा सच्चा सौदा के 6 समर्थक रिहा, लेकिन हनीप्रीत को राहत नहीं
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पंचकूला हिंसा : सबूतों के अभाव में डेरा सच्चा सौदा के 6 समर्थक रिहा, लेकिन हनीप्रीत को राहत नहीं

पंचकूला में 25 अगस्त, 2017 को उस समय हिंसा भड़क गई थी, जब रेप के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को कैद की सजा का फैसला सुनाया था. 

पिछले साल पंचकूला में हुई हिंसा में करीब 3 दर्जन लोग मारे गए थे (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : पिछले साल अगस्त के महीने में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की गिरफ्तारी के बाद पंचकूला में हुए हिंसक प्रदर्शनों में करीब तीन दर्जन लोग मारे गए थे. इस मामले में पुलिस ने बड़ी संख्या में डेरा समर्थकों को गिरफ्तार किया था. इनमें से 6 आरोपियों को सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं पेश किए जाने पर इन्हें रिहा करने का आदेश दिया है. इस मामले में हरियाणा पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं, क्योंकि इससे पहले भी कोर्ट 53 लोगों पर गंभरी धाराएं हटाने का आदेश दे चुका है. इसके अलावा 15 आरोपी भी पहले रिहा हो चुके हैं.

जिन लोगों की रिहाई का आदेश दिया गया है उनमें ज्ञानीराम, संगा सिंह, होशियार सिंह, रवि, राम किशन और तरसेम शामिल हैं. इनके खिलाफ एसआईटी सबूत जुटाने में अबतक असमर्थ रही. इन सभी लोगों पर पर दंगा, आगजनी और मारपीट करने के आरोप में आईपीसी की धारा 148, 149, 186, 188, 436 के तहत किया मामला दर्ज किया गया था. पंचकूला की सेशन जज रितु टैगोर ने सभी आरोपियों को किया बाइज्जत बरी करने का आदेश दिया.

इससे पहले कोर्ट 53 डेरा समर्थकों पर लगीं देशद्रोह और हत्या के प्रयास की धाराओं को हटाने का आदेश दिया था. 

पंचकूला में 25 अगस्त, 2017 को उस समय हिंसा भड़क गई थी, जब रेप के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को कैद की सजा का फैसला सुनाया था. डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी के आदेश सुनते ही हजारों की संख्या में उमड़े उनके समर्थकों ने पंचकुला की सड़कों पर तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी थी. इस हिंसा में करीब 3 दर्जन लोगों की मौत हुई थी और करोड़ों की समपत्ति को नुकसान पहुंचा था.

पंचकूला हिंसा: कोर्ट ने राम रहीम के 53 समर्थकों पर देशद्रोह का मामला हटाया, SIT नहीं जुटा पाई सबूत

हिंसा की जांच के लिए पंचकूला पुलिस ने एक एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी ने बहुत से लोगों पर हत्या का प्रयास और देशद्रोह का मामला दर्ज किया था. इस साल फरवरी में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 53 लोगों पर लगे देशद्रोह और हत्या के प्रयास के मामले हटाने के निर्देश दिए थे और अब सबूतों के अभाव में छह लोगों को रिहा करने का आदेश दिया है. 

हनीप्रीत को राहत नहीं
उधर, इस हिंसा में जेल में बंद गुरमीत राम रहीम की तथाकथित बेटी हनीप्रीत को कोर्ट से अभी कोई राहत नहीं मिली है. हनीप्रीत भी पंचकूला हिंसा के बाद हिंसा और आगजनी के मामले में देशद्रोह के आरोप में अंबाला जेल में बंद है. पिछले हफ्ते हनीप्रीत के वकील ने कोर्ट में याचिका लगाकर उसको परिजनों से मुलाकात करने की इजाजत मांगी थी. अपील में कहा गया कि जिस तरह से अन्य आरोपि अपने परिवार के लोगों से रोजाना आधा घंटा बात करते हैं, उसी तरह उसे भी इजाजत मिले. हरियाणा सरकार ने सुरक्षा कारणों से इस याचिका का विरोध किया है. हनीप्रीत पर आरोप तय करने के लिए कोर्ट 7 अगस्त को सुनवाई करेगी. 

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