राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद हुई थी हिंसा, हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई; फैसला आना बाकी
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राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद हुई थी हिंसा, हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई; फैसला आना बाकी

डेरा सच्चा सौदा मुखी गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की विशेष अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकुला में भड़की हिंसा मामले पर बुधवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. 

हाईकोर्ट के एक वकील ने पंचकूला की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा मुखी गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की विशेष अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकुला में भड़की हिंसा मामले पर बुधवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अदालत के सहयोगी (एमिकस क्यूरी) वकील अनुपम गुप्ता से पूछा कि पंचकूला में डेरा अनुयायी क्यों जमा हुए थे. एमिकस ने कहा कि शांति पूर्ण ढंग से किसी जगह पर एकत्र होना लोगों का अधिकार है. इस पर जस्टिस राजीव शर्मा, जस्टिस राकेश कुमार जैन और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने एमिकस से पूछा कि इन लोगों के जमा होने का क्या मकसद था.

साथ ही बताया जाए कि शांति से बैठे लोग उग्र क्यों हो गए. बेंच ने कहा कि दंगों से हुए सरकारी व निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई कौन करेगा और मृतकों के परिवारों को आर्थिक मदद कैसे मिलेगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से लोग जमा हो सकते हैं लेकिन शर्त यह है कि उनके पास हथियार नहीं होने चाहिए.

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ऐसे में क्या डेरा अनुयायियों से पुलिस ने हथियार बरामद किए. इस पर डेरे की तरफ से कोर्ट में पेश सीनियर एडवोकेट विनोद घई ने बताया कि पुलिस ने पांच लाइसेंसी हथियार बरामद किए जो डेरा प्रमुख के सुरक्षाकर्मियों के थे. सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने हाल ही के जेएनयू घटनाक्रम, दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव व उनके समर्थकों और जेएंडके में पुलिस व सेना पर लोगों की पथराव के मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये सभी अलग अलग मामले हैं जहां पुलिस व भीड़ का आमना सामना रहा है.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट मित्र बताएं कि क्या सड़क बंद करना अथवा हाईवे को ब्लॉक करना कानून तोड़ना नहीं है. इस पर कोर्ट मित्र ने कहा कि हाईवे को ब्लॉक करना अपराध है लेकिन शांतिपूर्ण ढंग से सड़क किनारे जमा होकर बैठना अपराध नहीं है.

यह है मामला
हाईकोर्ट के एक वकील ने पंचकूला की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेकर छुट्टी के दिन भी मामले पर सुनवाई की थी. याचिका में कहा गया कि फैसले से पहले ही डेरा प्रमुख के समर्थक पंचकूला पहुंचने शुरू हो गए हैं. इससे कानून व्यवस्था को खतरा हो सकता है. ऐसे में हाईकोर्ट सुरक्षा के जरूरी आदेश जारी करे.  

गौरतलब है पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि 8 और 9 को मामले पर सुनवाई के दौरान सभी पक्ष अपनी अपनी दलीलें रखे और उसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुना देगी. लेकिन आज अदालत के सहयोगी दृारा 3 घंटे से ज्यादा मामले पर जानकारी सांझी की गई और अब मामले की अगली तारीख 4 फरवरी लगा दी गई है.

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