अपनी मांगों को लेकर ड़ताल पर जाने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा बनाए गए दबाव के आगे झुकते हुए दिल्ली सरकार ने मंगलवार को उनकी कुछ मांगों को स्वीकार कर लिया है.
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नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर ड़ताल पर जाने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा बनाए गए दबाव के आगे झुकते हुए दिल्ली सरकार ने मंगलवार को उनकी कुछ मांगों को स्वीकार कर लिया है, जिसमें ओपीडी अवधि के दौरान 45 मिनट का भोजनावकाश देने और पंजीकरण अवधि को एक घंटा तक कम करना शामिल है. आदेश के बाद, रेजिडेंट डॉक्टरों ने एक नवंबर से प्रस्तावित अपनी हड़ताल को रद्द कर दिया है.
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के प्रतिनिधिमंडल और दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है.
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गौरतलब है कि अस्पतालों में इलाज का समय दो घंटा बढ़ाए जाने से नाराज फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में बुधवार को हड़ताल की घोषणा की थी. स्वास्थ्य विभाग ने ओपीडी का समय बढ़ाकर सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक निर्धारित कर दिया था, जिससे रेजिडेंट डॉक्टर नाराज हो गए. समय बढ़ाने की वजह बताते हुए विभाग की ओर से कहा गया था ये निर्णय मरीजों की संख्या और डॉक्टरों की कमी को देखते हुए लिया गया.
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इस निर्णय के खिलाफ फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने 12 अक्टूबर को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार से फैसले पर विचार करने की मांग की थी. जब उन्हें कोई जवाब नहीं मिला तो एसोसिएशन ने हड़ताल की घोषणा कर दी.
(इनपुट एजेंसी से भी)