रोहतक गैंगरेप केस: 7 दोषियों को सजा-ए-मौत, निचली अदालत के फैसले पर HC ने लगाई मुहर
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रोहतक गैंगरेप केस: 7 दोषियों को सजा-ए-मौत, निचली अदालत के फैसले पर HC ने लगाई मुहर

इस मामले में बहस के दौरान हरियाणा सरकार ने इस केस की तुलना दिल्ली के निर्भया गैंग रेप से करते हुए जजमेंट की कॉपी हाईकोर्ट में पेश किया. 

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नई दिल्ली : पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2015 में रोहतक में हुए गैंगरेप के सातों दोषियों की सजा के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए मर्डर रेफरेन्स पर उनकी सजा को बहाल रखा है. यानि कि सातों दोषियों को निचली अदालत द्वारा सुनाई फांसी की सज़ा पर हाईकोर्ट ने मुहर लगा दी है. इस मामले में बहस के दौरान हरियाणा सरकार ने इस केस की तुलना दिल्ली के निर्भया गैंग रेप से करते हुए जजमेंट की कॉपी हाईकोर्ट में पेश किया. 

हरियाणा सरकार के वकील दीपक सबरवाल ने बताया कि हाईकोर्ट के जस्टिस ए बी चौधरी पर आधारित डिविजन बेंच ने इस मामले को रेयर ऑफ रेयरेस्ट मानते हुए दोषियों की सम्पति को बेच कर पचास लाख रुपये वसूलने का सरकार को आदेश दिया है. इसमें पचीस लाख रुपये मृतका की बहन को दिए जाएंगे और पचीस लाख सरकारी खाते में जमा करवाए जाएंगे. इस बाबत हरियाणा सरकार जुलाई माह में इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में देगी.

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गौरतलब है फरवरी 2015 को एक नेपाली युवती का अपहरण हो गया था, जिसके बाद युवती के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया और बाद में बेरहमी के साथ उसकी हत्या कर दी गई थी. पीड़िता का शव पुलिस को चार फरवरी को बहु अकबरपुर के पास खेतों में नग्न हालत में मिला था. पुलिस जांच के बाद 8 आरोपियों को इस मामले में दोषी पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया था. दोषियों को रोहतक कोर्ट ने 21 दिसंबर 2015 को फांसी की सजा सुनाई थी. इसमें से एक आरोपी सोमबीर ने दिल्ली में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी. कोर्ट ने नेपाली युवती के इस केस को रेयर ऑफ रेयरस्ट माना था. 

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