रामपाल के समर्थकों ने अदालत के खिलाफ जारी की थी बुकलेट, 282 लोगों ने मांगी माफी
कोर्ट मित्र अंजू अरोड़ा ने बताया कि रामपाल को दोषी ठहराने के बाद उनके समर्थकों द्वारा ब्लैक स्पॉट ऑन ज्यूडिशियरी नाम से एक बुकलेट जगह-जगह भेजी गई.
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चंडीगढ़: सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कथित संत रामपाल के 282 समर्थक पेश हुए और हाईकोर्ट में माफी मांगी. कोर्ट ने सभी समर्थकों को 3 दिन में रजिस्ट्री में एफिडेविट दाखिल करने के निर्देश दिए है. दरअसल रामपाल से जुड़े मामलों में आई जजमेंटस के खिलाफ समर्थकों ने एक बुकलेट जारी की थी. इसमें जजों द्वारा रामपाल से जुड़े मामलों में सुनाए फैसलों पर सवाल खड़े किए गए थे. हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए अवमानना नोटिस जारी किया था. कोर्ट मित्र अंजू अरोड़ा ने बताया कि रामपाल को दोषी ठहराने के बाद उनके समर्थकों द्वारा ब्लैक स्पॉट ऑन ज्यूडिशियरी नाम से एक बुकलेट जगह-जगह भेजी गई.
जिसमे कोर्ट के फैसलों पर सवाल उठाए हुए थे और गलत टिप्पणियां की गई थी. इस बुकलेट में 285 समर्थकों के नाम का ज़िक्र किया हुआ था. वकील अंजू अरोड़ा ने बताया कि रामपाल के समर्थकों ने बुकलेट की कॉपियां कई जजों को भेजी और कई अदालतों में इस बुकलेट को भेजा गया.
जिसपर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी करते हुए बुकलेट में जिन समर्थकों के नाम थे उन्हें पेश होने के निर्देश दिए. हालांकि कुल 285 समर्थकों के नाम इस बुकलेट में थे लेकिन इनमें से 2 की मौत हो चुकी है और 1 घायल होने के कारण नहीं आ पाए. जिसके कारण 282 समर्थक कोर्ट के समक्ष पेश हुए और उन्होंने कोर्ट में माफी मांगी.
उन्होंने माफी मांगने के साथ साथ बुकलेट जारी करने को लेकर जस्टिफिकेशन भी दे रखी थी जिसपर जस्टिस दया चौधरी और जस्टिस मीनाक्षी मेहता ने असंतुष्टि ज़ाहिर की और मामले की अगली सुनवाई जो कि 29 जनवरी को होनी है उस दौरान हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए है.
दरअसल रामपाल के समर्थको द्वारा ब्लैक स्पॉट ऑन ज्यूडिशियरी नाम की बुकलेट जारी की गयी थी बुकलेट. अलग अलग जगह से बरामद बुकलेट के कवर पर हिसार स्पेशल कोर्ट के जज डीआर चालिया का नाम लिखा हुआ था. गौरतलब है जज डी आर चालिया ने ही सतलोक आश्रम प्रकरण से जुड़े हत्या और षड्यंत्र के मामले में कथित संत रामपाल और अन्य को दोषी करार देते हुए सज़ा सुनाई थी.
आपको बता दें एक मामले की सुनवाई के दौरान रामपाल और अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया ने कहा था कि खुद को गॉडमैन बताने वाले चमत्कार का झूठा भरोसा दिलाकर लोगों की भावनाओं से खेलते हैं.