सौर ऊर्जा की परियोजना के लिए दक्षिणी नगर निगम जारी करेगा 500 करोड़ के बांड
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सौर ऊर्जा की परियोजना के लिए दक्षिणी नगर निगम जारी करेगा 500 करोड़ के बांड

राजधानी में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए दक्षिणी नगर निगम जल्द ही 500 करोड़ रुपये के म्युनसिपल बांड जारी करेगा. बांड से प्राप्त पैसे से भवन निर्माण व भवनों की मरम्मत का काम भी किया जाएगा.

सौर ऊर्जा परियोजनाओं और भवन निर्माण के लिए दक्षिणी नगर निगम जारी करेगा बांड (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : राजधानी में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए दक्षिणी नगर निगम जल्द ही 500 करोड़ रुपये के म्युनसिपल बांड जारी करेगा. बांड से प्राप्त पैसे से भवन निर्माण व भवनों की मरम्मत का काम भी किया जाएगा. निगम की ओर से जारी किए गए बांड कुल 10 वर्ष के लिए होंगे. इस बांडों पर निगम लगभग 8.5 फीसदी की दर से हर वर्ष ब्याज देगा. सोमवार को हुई दक्षिणी नगर निगम की स्थाई समिति की बैठक में यह बांड जारी करने का निर्णय लिया गया. निगम को पिछले वर्ष क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए लिमिटिड ने वित्तीय स्थिति और समय पर वित्तीय दायित्व पूरे करने की क्षमता को देखते हुए एए की दीर्घ कालिक बांड जारी करने के लिए अधिकृत किया था। इसी के बाद निगम ने 500 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने का फैसला किया है.

  1. सौर ऊर्जा परियोजनाओं और भवन निर्माण के लिए दक्षिणी नगर निगम जारी करेगा बांड
  2. दक्षिणी नगर निगम लगभग 500 करोड़ रुपये के बांड जारी करेगा बांड
  3. निगम की ओर से जारी किए गए बांड 10 वर्ष के लिए होंगे. इस पर 8.5 फीसदी ब्याज मिलेगा

सौर ऊर्जा की परियोजनाएं होंगी पूरी

दक्षिणी निगम को अपनी सौर ऊर्जा की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए लगभग 180 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. इस पैसे को बांड के जरिए जुटाए जाने की योजना बनाई गई है. ये पैसा बोली के जरिए संस्थाओं को आवंटित किया जाएगा. ब्याज मूलराशि पर प्रतिवर्ष के आधार पर दिया जाएगा. बांड की राशि का वापसी भुगतान 10 वर्ष में किया जाएगा. निगम को कुल मिलाकर 14 प्रतिशत आश्वस्त रिटर्न मिलेगा. साथ ही, 200 करोड़ रुपये तक के बांड पर शहरी विकास मंत्रलाय की और से 13 प्रतिशत सबसिडी भी मिलेगी.

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निगम इस योजना के तहत जारी करेगा बांड
खबरों के अनुसार ये बांड भारत सरकार के नवीन और नवीनीकरणीय मंत्रालय के सोलर सिटिज विकास कार्यक्रम के तहत जारी किए जाने हैं. नियमों के अनुसार निगम ऋण पत्र या बांड के जरिए रकम एकत्रित कर सकती है. इस पैसे का इस्तेमाल बुनियादी सुविधाओं और विकास के लिए कियाज जाएगा.

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