तो क्‍या जल्‍द धरना खत्‍म कर देंगे शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी? बातचीत को गए वार्ताकारों से कही गई ये बात
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तो क्‍या जल्‍द धरना खत्‍म कर देंगे शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी? बातचीत को गए वार्ताकारों से कही गई ये बात

महिला प्रदर्शनकरियों ने पहले से तैयारी भी की हुई थी कि किस तरह हमें अपनी बात रखनी है और क्या क्या मांगें रखनी है, एक प्रदर्शनकारी महिला ने कागज के पन्ने पर सभी महिलाओं की राय लिखी हुई थी, ताकि वातार्कारों के सामने रखी जा सके.

फाइल फोटो...

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शाहीन बाग (Shaheen Bagh) मामले में नियुक्त किए गए वातार्कारों के सामने बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगें रखीं और बुलंद आवाज में कहा कि "सरकार कानून वापस ले ले, हम तुरंत यहां से उठ जाएंगे." प्रदर्शनकारियों ने अपनी बात में गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. प्रदर्शनकरियों की बात सुनने के बाद संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन ने कहा, "हम कल (गुरुवार को) फिर आपकी बात सुनने आएंगे."

शाहीन बाग में बुधवार को वार्ताकारों के सामने अपनी बात रखने के लिए प्रदर्शनकारी सुबह से ही इंतजार कर रहे थे. इसको लेकर महिला प्रदर्शनकरियों ने पहले से तैयारी भी की हुई थी कि किस तरह हमें अपनी बात रखनी है और क्या क्या मांगें रखनी है, एक प्रदर्शनकारी महिला ने कागज के पन्ने पर सभी महिलाओं की राय लिखी हुई थी, ताकि वातार्कारों के सामने रखी जा सके.

मुख्य तौर पर सभी प्रदर्शनकरियों की मांग एक ही थी कि सीएए और एनआरसी को वापस लिया जाए, क्योंकि ये संविधान के खिलाफ हैं. इसके साथ-साथ प्रदर्शनकरियों की मांग थी कि पुलिस द्वारा हिंसा में जिन लोगों की मौत हुई है, उनको मुआवजा या पेंशन दिया जाए. साथ ही इस आंदोलन में जितने लोगों पर मुकदमे हुए हैं, उनको वापस लिया जाए.

सूत्रों की मानें तो प्रदर्शनकारियों ने बुधवार तड़के 3 बजे एक बैठक भी बुलाई गई थी, जिसका मकसद यह तय करना था कि वार्ताकारों के सामने किस तरह अपनी बात रखना है और क्या-क्या मांगें रखनी हैं.

शाहीन बाग में वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन आए, उससे ठीक पहले स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने प्रदर्शन स्थल से मीडिया को बुलाया और कहा कि "वार्ताकार आप सभी लोगों से मिलना चाहते हैं." उसके बाद सभी मीडियाकर्मियों को प्रदर्शन स्थल से ले जाया गया. बाद में यह बात सामने आई कि वार्ताकार मीडिया के सामने बात नहीं करना चाहते. जब ये बात प्रदर्शनकारियों के सामने आई तो एक तरह से हंगामा खड़ा हो गया और वहां मंच से ऐलान हुआ कि वे मीडिया के सामने ही बात करेंगे.

उन्होंने कि यहां कोई मीडियाकर्मी न सवाल पूछेगा, न कुछ बोलेगा. बस प्रदर्शनकारियों और वार्ताकारों की बात सुनेगा. उसके बाद वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों ने उनका तालियों से स्वागत किया.

वकील संजय हेगड़े ने बात शुरू की और मंच से कहा कि "आप सभी लोग बैठ जाइए. हम आपसे बात करने आए हैं और हमारे पास वक्त है. हम आराम से आपकी बात सुनेंगे."

इसके बाद संजय हेगड़े ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश प्रदर्शनकारियों के सामने पढ़ा और वकील साधना ने उस ऑर्डर को महिलाओं और वहां मौजूद प्रदर्शनकरियों को समझाया. उसके बाद वकील साधना ने कहा कि आंदोलन करने का हक बरकरार है, लेकिन और भी नागरिक हैं.

वकील साधना ने कहा, "हम फैसला करने नहीं आए हैं और न ही हम चाहते हैं कि बात हम करेंगे, क्योंकि ये आपका हक है, हम यहां बुजुर्गों की बात सुनने आए हैं."

उसके बाद वकील साधना ने कहा कि पहले हम दादियों की बात सुनेंगे, जिसके बाद प्र्दशन कर रहीं दादी ने कहा कि "कानून वापस ले लो सड़क खुल जाएगी!"

दादी ने कहा कि तीन साइड की सड़क पुलिस ने बंद कर रखी है, दादियों की बात खत्म होने के बाद फिर अन्य प्रदर्शनकारियों ने अपनी बात एक-एक करके रखना शुरू की.

एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, "जब हमारी बात यहां नहीं सुनी जा रही तो अगर हम कहीं और बैठ जाएंगे तो कौन सुनेगा हमारी बात? अगर हम यहां से उठ गए तो पूरे देश में प्रदर्शन कर रहे लोगों की ताकत छीन ली जाएगी."

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